Gopalganj News : सर्वे में छह माह से उलझा नप, शहर में अंधेरा कायम

Gopalganj News : शहर में अंधेरा कायम है. शहर के लोगों के प्रति जिम्मेदार खामोश हैं. छह माह से शहर में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए वार्ड पार्षदों से सूची लेने के बाद भी नगर परिषद की ओर से कार्रवाई नहीं हो सकी है.

By ALOK KUMAR | March 26, 2025 10:01 PM

गोपालगंज. शहर में अंधेरा कायम है. शहर के लोगों के प्रति जिम्मेदार खामोश हैं. छह माह से शहर में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए वार्ड पार्षदों से सूची लेने के बाद भी नगर परिषद की ओर से कार्रवाई नहीं हो सकी है. सर्वे टीम को इतना वक्त नहीं मिल पा रहा कि वे वार्ड पार्षदों की ओर से सौंप गयी सूची का सत्यापन कर आगे की प्रक्रिया को पूरा करें. नतीजा है कि शहर शाम होते ही अंधेरे में खो जा रहा है. नगर विकास विभाग व आवास विभाग के अवर सचिव राजीव रंजन तिवारी ने अपने पत्र से 25 सितंबर 2024 को आदेश जारी किया था कि नगर परिषद व पंचायतों में स्ट्रीट लाइट लगाने वाली कंपनी इइएसएल के रखरखाव की अवधि समाप्त हो रही. ऐसे में नगर निकाय अपने स्तर से कमेटी का गठन कर लाइट लगवाने का इंतजाम करे. इसलिए गाइडलाइन भी जारी कर दी. इसके छह माह बीत गये. दिसंबर में प्रभात खबर ने इसे उजागर किया, तो 30 दिसंबर के बाद नगर परिषद के अफसर नींद से जगे. आनन-फानन में स्ट्रीट लाइट को लगाने के लिए एक टीम का गठन कर दिया गया. इसमें सिटी मैनेजर, बिजली कंपनी के एसडीओ, जेइ, स्वच्छता पदाधिकारी को शामिल किया गया. वार्ड पार्षदों से स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए स्थल को चिह्नित कर उसकी सूची मांगी गयी. लगभग दो हजार स्थलों पर स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रस्ताव वार्ड पार्षदों की ओर से आ गया, लेकिन उसके सत्यापन में टीम उलझी हुई है.

प्रमुख सड़कें भी अंधेरे में डूब जाती हैं

शाम होने के साथ ही शहर का अधिकतर हिस्सा अंधेरे में गुम हो जाता है. गली-मुहल्लों की कौन कहे, प्रमुख सड़कें भी अंधेरे में डूब जाती हैं. अंधेरे के कारण लोगों में भय का माहौल कायम है. स्मैकियों का आतंक है. शहर की सड़क पर अकेले निकलने से लोग कतराते हैं. कोई यात्री रात में आ जाये, तो अंधेरे में आने से भयभीत रहते. आवारा कुत्तों का डर भी कम नहीं सताता है. लोगों ने अपने घरों के पास लाइट लगा रखी है. नगर परिषद में सरकार की ओर से लगी लाइटें खराब हैं. लोग अपने वार्ड पार्षदों से सवाल भी करते हैं. वार्ड पार्षद भी खुद को लाचार पा रहे हैं.

अंधेरे के कारण शहर में बढ़ रहा अपराध

बनारस से आने वाले राजू कुमार का मोबाइल हनुमानगढ़ी वाले रोड में रविवार की रात में स्मैकियरों ने छीन लिया. इसका सनहा नगर थाने में दर्ज कराया गया है. वहीं राजेंद्र नगर बस स्टैंड में बनाये गये यात्री पड़ाव में लगी खिड़की का लोहा, नालों के स्लैब से लोहा तक स्मैकियर चोरी कर चुके हैं. और तो छोड़ दीजिए, रात में बसों से उतरने वाले यात्रियों से लूटपाट भी की जाती है. पुलिस भी आये दिन हो रही घटना से परेशान है. छोटे-छोटे घटनाओं को पुलिस कांड दर्ज नहीं कर पाती है.

बिजली के खंभों पर लगी एलइडी लाइट में भी धोखा

इइएसएल कंपनी ने वर्ष 2019-20 में नगर परिषद क्षेत्र में बिजली के खंभों पर एलइडी लाइटें लगाने का कार्य शुरू किया. एक हजार लाइट लगाकर 14 सौ लाइट लगाने का दावा कर दिया. जब नगर पर्षद ने लाइट की जांच की, तो पता चला कि एक हजार ही लाइट लगायी गयी. दिसंबर 2024 में इइसीएल कंपनी का कॉट्रैक्ट भी समाप्त हो गया. नगर परिषद पर जब दबाव पड़ा, तो बंजारी रोड में लगी लाइट को नगर परिषद ने अपने जलाया. वह भी एक माह में ही बुझ गयी. प्रमुख चौराहों, कलेक्ट्रेट रोड, अधिकारियों की काॅलोनी को छोड़ दें, तो बाकी गली-मुहल्लों व सड़कों पर अंधेरा बना रहता है.

यहां मुख्य सड़कों पर खराब हैं स्ट्रीट लाइटें

मुख्य सड़क बंजारी रोड, डाकघर से आंबेडकर चौक, कलेक्ट्रेट रोड, मेन रोड, कॉलेज रोड, हजियापुर रोड, हनुमानगढ़ी रोड, ब्लॉक से कृषि कार्यालय जाने वाली प्रमुख सड़क, बंजारी से काली स्थान रोड जादोपुर रोड तक, मौनिया चौक से जादोपुर, जादोपुर चौक से लखपतिया मोड़, साधु चौक से मठिया की ओर जाने वाली सड़क, स्टेशन रोड, राजेंद्र नगर एवं मुहल्ले में जहां भी कंपनी ने एलइडी लाइट लगायी, वह खराब है.

शहर को रोशन करने की तैयारियां पूरी

नगर परिषद की ओर से शहर की स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए वार्ड पार्षद लोगों से स्थल का चयन किया जा चुका है. सर्वे का काम अंतिम दौर में चल रहा है. शहर को रोशन करने के लिए शीघ्र कार्य को पूरा कर लिया जायेगा. राहुलधर दुबे, कार्यपालक पदाधिकारी

अप्रैल के पहले सप्ताह में हो जायेगा टेंडर

सर्वे का काम अंतिम दौर में है. उम्मीद है कि सर्वे टीम स्ट्रीट लाइट की सूची का सत्यापन कर लेगी. सत्यापन होने के साथ ही अप्रैल के पहले सप्ताह में टेंडर कर लिया जायेगा. 15 अप्रैल तक शहर को स्ट्रीट लाइट लगाकर रोशन कर दिया जायेगा.

हरेंद्र चौधरी, चेयरमैन नगर परिषद

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