हिंगोरा अपहरण मामले में इंस्पेक्टर ने दी गवाही

छपरा (कोर्ट) : गुजरात के उद्योगपति पुत्र सुहैल हिंगोरा के अपहरण मामले में गवाही देने को ले भागलपुर में पदस्थापित इंस्पेक्टर लालबहादुर छपरा न्यायालय में उपस्थित हुए. मामले में सरकार के अधिवक्ता एपीपी रामनारायण प्रसाद ने इंस्पेक्टर को सत्रवाद 103/18 में साक्ष्य देने के लिए एडीजे प्रथम उदय कुमार उपाध्याय के न्यायालय में प्रस्तुत किया. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2019 6:04 AM

छपरा (कोर्ट) : गुजरात के उद्योगपति पुत्र सुहैल हिंगोरा के अपहरण मामले में गवाही देने को ले भागलपुर में पदस्थापित इंस्पेक्टर लालबहादुर छपरा न्यायालय में उपस्थित हुए. मामले में सरकार के अधिवक्ता एपीपी रामनारायण प्रसाद ने इंस्पेक्टर को सत्रवाद 103/18 में साक्ष्य देने के लिए एडीजे प्रथम उदय कुमार उपाध्याय के न्यायालय में प्रस्तुत किया. साथ ही उनका परीक्षण भी किया.

साक्षी के रूप में प्रस्तुत हुए लालबहादुर घटना के वक्त सारण जिले के नयागांव थाने में एसएचओ के पद पर पदस्थापित थे और हिंगोरा अपहरण मामले में गुजरात पुलिस ने इनके सहयोग से चतुरपुर निवासी रंजीत कुमार सिंह के घर पर छापेमारी की थी, जहां से गुजरात पुलिस ने अपहरण से संबंधित कई साक्ष्यों को बरामद किया था. साथ ही पीएमसीएच में इलाज करा रहे रंजीत सिंह को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी थी.
उक्त मामले में थानाध्यक्ष लालबहादुर द्वारा ही नयागांव थाना कांड संख्या 111/13 में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, जिसमें चतुरपुर निवासी रंजीत कुमार सिंह उसके पिता और तीन भाइयों समेत अन्य को अभियुक्त बनाया था. उसी मामले में कोर्ट के आदेश पर थानाध्यक्ष गवाही देने के लिए कोर्ट में प्रस्तुत हुए. उनका प्रति परीक्षण बचाव पक्ष के अधिवक्ता मनोज कुमार ने किया.
वहीं एपीपी रामनारायण प्रसाद ने न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दिया है, जिसमें मामले के एक अभियुक्त रवीश कुमार द्वारा गुजरात के दमन जिले के एसपी से फोन पर की गयी बातचीत के प्रिंट आउट को न्यायालय में प्रदर्श करने की अनुमति मांगी है. एपीपी श्री प्रसाद ने बताया कि रवीश कुमार ने दमन एसपी को फोन कर बताया था कि अपहरण के मास्टरमाइंड चंदन सोनार ने उसे 5 लाख रुपये देने की बात कही थी परंतु उसने उसे पूरी राशि नहीं दी. न्यायाधीश ने आवेदन को अभिलेख पर रख लिया है.

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