ट्वीनिंग ऑफ स्कूल से संवरेगी सरकारी स्कूलों की सूरत
जिले के प्रारंभिक विद्यालयों को हर मामले में प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाने के लिए एजुकेशनल एक्सचेंज प्रोग्राम अब शुरू होगा.
समस्तीपुर. जिले के प्रारंभिक विद्यालयों को हर मामले में प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाने के लिए एजुकेशनल एक्सचेंज प्रोग्राम अब शुरू होगा. इसके लिए सरकार ने ट्वीनिंग ऑफ स्कूल कार्यक्रम शुरू किया है. इसके तहत वर्ग अष्टम के बच्चों को निकटतम मध्य व माध्यमिक विद्यालयों में भ्रमण कराना है. वहां से पढ़ने-पढ़ाने से लेकर स्कूल की हर गतिविधि से बच्चे जानकारी लेकर अपने स्कूल के बच्चों को बेहतर बनने के लिए मोटिवेट करेंगे. यह कार्यक्रम एक दिवसीय होगा. विद्यालय समयानुसार यह कार्यक्रम चार घंटों का होगा. परिभ्रमण पर जाने वाले बच्चों के लिए अल्पाहार से लेकर स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था स्कूल की ओर से की जानी है. इसका उद्देश्य यह है कि छात्र-छात्राएं एक दूसरे के विद्यालय में परिभ्रमण करेंगे. वहां की बेस्ट प्रैक्टिस का अवलोकन करने के साथ ही स्मार्ट क्लास, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कॉमन रूम, साफ-सफाई, अनुशासन आदि के बारे में जानकारी ले सकेंगे व आपसी तालमेल बनाने के गुर भी सीखेंगे. इसके अलावा यूथ व इको क्लब, बाल संसद, वर्ग मॉनिटर के साथ उनके अनुभवों व विचार का आदान-प्रदान करेंगे. बच्चों को जागरुक किया जायेगा. शारीरिक शिक्षक बच्चों को विभिन्न खेलों जैसे चूहा-बिल्ली, खो-खो, लीडर ढूंढना, कबड्डी आदि के माध्यम से स्वास्थ्य के प्रति, शरीर की सफाई व पौष्टिक भोजन खाने का लाभ बतायेंगे. साथ ही, फास्टफूड खाने से परहेज के प्रति भी जागरुक करेंगे. इसके माध्यम से बच्चे वहां की बेहतर शिक्षण व्यवस्था व पाठ्यक्रम को कैसे सरल बनाया जाता है आदि की जानकारी हासिल करेंगे. ट्वीनिंग के बाद अगले कार्य दिवसों में ट्वीनिंग पर गये छात्र-छात्राओं के द्वारा डायरी लेखन किया जायेगा. अपने अनुभवों को चेतना सत्र के दौरान अन्य बच्चों के साथ साझा करेंगे. जिले के सरकारी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ‘ट्विनिंग ऑफ स्कूल’ गतिविधि लागू की गई है. इस योजना के तहत जिले के चिन्हित माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को निकटवर्ती सरकारी, निजी, नवोदय, केन्द्रीय विद्यालय या उच्च शिक्षा संस्थानों से जोड़ा जायेगा, ताकि पीयर-टू-पीयर लर्निंग के माध्यम से शैक्षणिक एवं सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों का आदान-प्रदान हो सके. सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि योजना का समयबद्ध व सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें. उसका फोटो-वीडियो सहित प्रतिवेदन समय पर जमा करने का निर्देश दिया गया है.
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