Samastipur News:जल्द निर्णय नहीं लेने पर छात्रों को होना होगा वंचित

उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण देने के साथ-साथ आधारभूत संरचना विकसित कर छात्र छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था देने के लिए की जा रही कोशिश अबत क बेकार साबित हो रही है.

By Ankur kumar | July 30, 2025 6:12 PM

Samastipur News:समस्तीपुर : उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण देने के साथ-साथ आधारभूत संरचना विकसित कर छात्र छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था देने के लिए की जा रही कोशिश अबत क बेकार साबित हो रही है. अगर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो आने वाले समय में इसका खामियाजा जिले के चयनित विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ सकता है. विदित हो कि जिन 27 विद्यालयों का चयन पीएम श्री विद्यालय योजना के तहत किया गया है उनमें आज तक मध्य विद्यालय को संविलियन करने की प्रक्रिया विभिन्न कारणों से पूरा नहीं किया जा सका. जिस कारण से जुलाई महीना गुजरने को है, लेकिन जिले में अभी भी पीएम श्री विद्यालय योजना शुरू नहीं हो सकी. केन्द्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के शुरू नहीं होने से चयनित विद्यालयों के छात्र-छात्राएं क्वालिटी एजुकेशन से वंचित हो रहे हैं. आलम यह है कि सांसद या किसी विधायक का ध्यान भी इस ओर नहीं जा रहा. जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित 27 हाई स्कूलों का चयन पीएम श्री विद्यालय योजना के लिए किया गया है. केन्द्र सरकार की यह एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत वर्ग 6 से 12 तक की यूनिट एक विद्यालय में हो जायेगी, जहां छात्र-छात्राओं को विभिन्न नवाचारों के प्रयोग के साथ-साथ क्वालिटी एजुकेशन दी जायेगी. इसके लिए यदि आधारभूत संरचना आदि की कमी होगी तो केन्द्र सरकार इसके लिए विशेष राशि भी देगी. मगर, जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले में सुस्त व मौन दिख रहे हैं. इस संदर्भ में प्रमुखता से खबर प्रकाशित किये जाने के बावजूद जुलाई में महीना बीत गया लेकिन जिले में पीएम श्री विद्यालय योजना शुरू नहीं की गई.

अब संविलियन प्रक्रियाधीन, कैसे बनेगा लघु मृदा परीक्षण लैब

इस वजह से एक और योजना से छात्र-छात्राओं को हाथ धोना पड़ सकता है. केन्द्र सरकार ने इन 27 विद्यालयों में ही उपज बढ़ाने के लिए विद्यालयों के बच्चों मृदा स्वास्थ्य जांच करने और किसानों को मिट्टी का हाल बताने के उद्देश्य से 50 नमूने इकट्ठा करने वाले विद्यालयों में लघु मृदा परीक्षण लैब बनाने का निर्णय लिया है. लैब के लिए एक-एक लाख रुपए विभाग की ओर से उपलब्ध कराये जायेंगे. इसमें सातवीं, आठवीं, नौवीं और ग्यारहवीं के छात्र-छात्राओं को शामिल किया जाना है. विद्यालयी बच्चों में वैज्ञानिक समझ विकसित करने के साथ ही पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना योजना का मुख्य उद्देश्य है. कार्यक्रम की सफलता के लिए कार्यान्वयन दल बनाया जायेगा. इसमें जिला कृषि पदाधिकारी, कृषि विज्ञान केन्द्र (केविके), कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा), जिला शिक्षा पदाधिकारी, एचएम व नोडल शिक्षक शामिल रहेंगे. लेकिन यह सफलीभूत तभी हो पायेगा जब चयनित माध्यमिक स्तरीय विद्यालय में मध्य विद्यालयों का संविलियन होगा. जिला शिक्षा विभाग दर्ज आपत्तियों का हवाला देते हुए मुख्यालय से मार्गदर्शन लेने के लिए पत्राचार कर मौन बैठे हैं. फिलहाल मामला मार्गदर्शन के पेंच में फंसा हुआ है और जनप्रतिनिधि,अभिभावक व बच्चे संविलियन के लिए बनी मध्य विद्यालय की सूची से आक्रोशित है.

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