Samastipur News:फायर सेफ्टी-ए गाइड फॉर स्टूडेंट पाठ्यक्रम तैयार
आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए छात्रहित में दी गई जानकारी ही जागरूक बनाता है. आग लगने पर छात्र- छात्राओं को निकालने में होने वाली घबराहट व अनिश्चितता को दूर करने में मदद करता है.
Samastipur News:समस्तीपुर : आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए छात्रहित में दी गई जानकारी ही जागरूक बनाता है. आग लगने पर छात्र- छात्राओं को निकालने में होने वाली घबराहट व अनिश्चितता को दूर करने में मदद करता है. जिले के स्कूलों के पाठ्यक्रम में अब फायर सेफ्टी शामिल होगा. गृह मंत्रालय के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस बाबत पत्र भेजा है. शिक्षा मंत्रालय की ओर से फायर सेफ्टी-ए गाइड फॉर स्टूडेंट पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. अगलगी की बढ़ती घटनाओं से बचाव को लेकर बच्चों को जागरूक करने के लिए यह पहल की गई है. छठी से 12वीं तक के बच्चों के लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना है. पत्र में निर्देश दिया गया है कि स्थानीय अग्निशमन और आपात सेवा के अधिकारियों को भी स्कूलों में बुलाया जायेगा. इनके माध्यम से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाये ताकि वे बच्चों को जागरूक कर सकें. जिन शिक्षकों को अधिकारियों के माध्यम से ट्रेनिंग दी जायेगी. पाठ्यक्रम में फायर सेफ्टी का परिचय, आग के प्रकार, बिजली से आग के खतरे, अगलगी से बचाव के उपाय, आग लगने पर किये जाने वाले उपाय, आग से बचाव वाले उपकरणों की जानकारी समेत कई चीजें शामिल की गई हैं. इसमें फायर ट्रायंगल शीर्षक वाले पाठ में गर्मी, पेट्रोल, ऑक्सीजन के संबंध में जानकारी दी गई है. इसमें बच्चों को बताया जायेगा कि इन चीजों से अगलगी की घटनाएं कैसे बढ़ती हैं और बचने के क्या उपाय है. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि सुरक्षित शनिवार के माध्यम से फायर सेफ्टी से संबंधित जानकारी छात्रों को दी जाती है. कई बार मॉक ड्रिल में शिक्षकों और विद्यार्थियों को आग से सुरक्षा और सीपीआर के महत्व के बारे में जानकारी दी गई. ताकि सभी आपदा की स्थिति में जमीनी स्तर पर तैयारी हो सकें. बच्चों को कहीं पर आग लगने की घटना या एलपीजी सिलेंडर में आग लगने पर कैसे उस पर काबू पाएं और कैसे फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकलना है इसका अभ्यास किया गया. इस दौरान छात्रों को अग्निशमन उपकरणों के उपयोग की जानकारी भी दी गई. फायर सेफ्टी-ए गाइड फॉर स्टूडेंट पाठ्यक्रम लागू होने के बाद जागरूकता आयेगी और बच्चे जानकार बनेंगे.
करना होगा निर्देशों का पालन
स्कूलों में अग्नि सुरक्षा के नियम लोगों को सुरक्षित रखने, आग के जोखिम को न्यूनतम करने, आग से होने वाली क्षति को न्यूनतम करने तथा पर्यावरण पर आग के प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए बनाये गये हैं. इन नियमों का पालन करने के लिए, स्कूल प्रशासकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी इमारतों में अच्छी वेंटिलेशन व्यवस्था हो, आपात स्थिति में पर्याप्त निकास द्वार हों, आपात स्थिति में पर्याप्त रोशनी हो, ज्वलनशील पदार्थों के लिए उचित भंडारण कंटेनर हों आदि. इन नियमों का सावधानीपूर्वक पालन करके और अपनी इमारतों में इनके अनुपालन का नियमित निरीक्षण करके, विद्यालय प्रशासक कई दुर्घटनाओं को होने से रोक सकते हैं. डीपीओ एसएसए जमालुद्दीन ने कहा कि छात्रों के लिए स्कूल में सुरक्षित महसूस करना जरूरी है. अगर उन्हें पता होगा कि उनके स्कूल में एक व्यापक अग्नि सुरक्षा योजना है, तो वे ज्यादा सहज, उत्पादक, तनावमुक्त और आत्मविश्वासी महसूस करेंगे. स्कूल में बच्चों को यह जानकर मानसिक शांति मिलती है कि वे आग के खतरों से सुरक्षित हैं, और यह तरीका उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता करने के बजाय अपनी पढ़ाई या काम पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है.
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