बिहार में अब बिजली चोरों का बचना होगा मुश्किल, विद्युत विभाग ने तैयार किया नया प्लान
Bihar Bijli: नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने समस्तीपुर जिले में बिजली चोरी और तकनीकी घाटे को कम करने के लिए बड़ी पहल की है. इस कड़ी में अब जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी ट्रांसफार्मरों पर डीटी मीटर लगाए जा रहे हैं. यह मीटर न सिर्फ बिजली चोरी की निगरानी करेगा, बल्कि बिजली खपत और आपूर्ति का वास्तविक आंकड़ा भी बताएगा.
Bihar Bijli: नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने समस्तीपुर जिले में बिजली चोरी और तकनीकी घाटे को कम करने के लिए बड़ी पहल की है. इस कड़ी में अब जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी ट्रांसफार्मरों पर डीटी मीटर (डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर मीटर) लगाए जा रहे हैं. यह मीटर न सिर्फ बिजली चोरी की निगरानी करेगा, बल्कि बिजली खपत और आपूर्ति का वास्तविक आंकड़ा भी बताएगा.
शहर के बाद गांवों में शुरू होगी प्रक्रिया
मिली जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र में डीटी मीटर लगाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है. विभाग जिले के हर ट्रांसफार्मर को डिजिटल रूप से जोड़ने की योजना बना रहा है. जिसके बाद डीटी मीटर से प्रत्येक ट्रांसफार्मर से जुड़े कनेक्शन की खपत और बिलिंग का अंतर तुरंत सामने आएगा. इससे चोरी की पहचान करना बहुत आसान होगा और संबंधित इलाके में छापेमारी कर कार्रवाई भी की जाएगी.
तकनीक से चोरी पर लगाम की तैयारी
बता दें कि डीटी मीटर में लगा पावर मैग्नेटिक चिप और सेंसर खपत का सही आंकड़ा विभाग को उपलब्ध कराता है. इस मीटर से होकर ही इलाके में बिजली की आपूर्ति होगी. इसके माध्यम से एक-एक यूनिट की जानकारी दर्ज की जाएगी. वहीं, ट्रांसफार्मर के ओवरलोड होने की स्थिति भी इसमें साफ दिखेगी. इससे ट्रांसफार्मर का मेंटेनेंस आसान होगा और किसी भी तकनीकी गड़बड़ी का जल्द समाधान निकाला जा सकेगा. जानकारी के मुताबित वर्तमान में समस्तीपुर विद्युत प्रमंडल के 2997 ट्रांसफार्मरों में से 2441 पर डीटी मीटर लग चुका है. वहीं, रोसड़ा प्रमंडल के 1614 ट्रांसफार्मरों में से 664 पर यह मीटर लगाया जा चुका है.
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तकनीक से लैस होंगे सभी ट्रांसफॉर्मर
इस कड़ी में दलसिंहसराय प्रमंडल में 1992 में से 1906 ट्रांसफार्मरों पर डीटी मीटर स्थापित किए गए हैं. स्पष्ट है कि अधिकांश क्षेत्रों में काम तेजी से चल रहा है और आने वाले दिनों में शत-प्रतिशत ट्रांसफॉर्मरों को इस तकनीक से लैस कर दिया जाएगा.
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