Samastipur News:मछली पालन के लिए वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने की जरूरत : डॉ. शिवेंद्र

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में सोमवार को बेहतर उत्पादन के लिए समेकित मत्स्य पालन विषय पर छह दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत हुई.

By KRISHAN MOHAN PATHAK | August 18, 2025 6:07 PM

Samastipur News:पूसा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में सोमवार को बेहतर उत्पादन के लिए समेकित मत्स्य पालन विषय पर छह दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत हुई. अध्यक्षता करते हुए मत्स्यिकी महाविद्यालय ढोली के वैज्ञानिक डॉ. शिवेंद्र कुमार ने कहा कि किसानों को मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिकी पद्धति एवं नवीनतम तकनीकों को अपनाने की जरूरत है. अरवल जिला छोटा होने के बावजूद बिहार सरकार के मत्स्य निदेशालय के निर्देशानुसार 40 किसानों को संबोधित करते हुए वैज्ञानिक डॉ. कुमार ने कहा कि अरवल जिला के किसान काफी उद्धमी होते हैं. अरवल में छोटे जिला के बाद भी कृषि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है. बढ़ती हुई आबादी घटता हुई रकवा की दौर में छोटे भूमि से अधिक मुनाफा लेने के लिए खासकर मत्स्यपालकों को डिजिटल फॉर्मिंग की दिशा में तकनीकी रूप से कदम उठाना ही होगा. इसी कड़ी में बायोफ्लॉक विधि ज्यादा लाभकारी होता है. इसमें सभी तकनीकों का कमांड मोबाइल एप्लिकेशन पर आधारित संचालित होता है. बिहार सरकार की ओर से सब्सिडी के आधार पर स्मार्ट एक्वाकल्चर योजना धरातल पर संचालित की जा रही है. मछली पालकों को अब स्मार्ट एक्वा कल्चर विधि की तरफ मुखातिब होना होगा. तभी ही कम लागत में मत्स्य पालन से किसान बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. संचालन करते हुए प्रसार शिक्षा उप निदेशक प्रशिक्षण डॉ. बिनीता सतपथी ने कहा कि इस प्रशिक्षण में पाठ्यक्रम को बहुत ही बारिकी के साथ सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक सत्रों का समावेश किया गया है. बिहार में मछली का उत्पादन पहले से चार गुना अधिक बढ़ा है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण में मिलने वाले तकनीकी ज्ञान को मत्स्यपालन में उपयोग करने की आवश्यकता है. मौके पर टेक्निकल सेल के सुरेश कुमार, सूरज कुमार, विक्की कुमार सहित अरवल जिले के मत्स्य प्रखंड पदाधिकारी संतोष कुमार आदि मौजूद थे.

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