यात्रियों का सफर अब होगा आसान, बचेगा समय

समस्तीपुर-सहरसा रेलखंड पर मेमू ट्रेनों के परिचालन को हरी झंडी समस्तीपुर : समस्तीपुर-सहरसा रेलखंड पर मेमू ट्रेनों के परिचालन के लिए हरी झंडी मिल गयी है. परिचालन विभाग की ओर से डेमू ट्रेनों का परिचालन का इस रूट पर किया जा रहा था. जानकारी के अनुसार, मेमू ट्रेनों के परिचालन को लेकर मंजूरी मिलने के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 13, 2019 6:57 AM

समस्तीपुर-सहरसा रेलखंड पर मेमू ट्रेनों के परिचालन को हरी झंडी

समस्तीपुर : समस्तीपुर-सहरसा रेलखंड पर मेमू ट्रेनों के परिचालन के लिए हरी झंडी मिल गयी है. परिचालन विभाग की ओर से डेमू ट्रेनों का परिचालन का इस रूट पर किया जा रहा था. जानकारी के अनुसार, मेमू ट्रेनों के परिचालन को लेकर मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही मेमू रैक को इसे समस्तीपुर जंक्शन को उपलब्ध कराया जायेगा.

इससे यात्रियों का समय बचेगा और सफर आसान होगा. वहीं, मुख्यालय ने कटिहार सवारी गाड़ी को ही आइसीएफ कोच के साथ दरभंगा तक विस्तार करने को भी कहा है. पहले कटिहार सवारी गाड़ी की रैक समस्तीपुर आकर यहां जंक्शन पर ही नौ घंटे से अधिक समय तक खड़ी रहती थी. इसके कारण प्लेटफाॅर्म पर रैक रखने की समस्या आ रही थी. फिलहाल यह ट्रेन रात में 22.10 बजे समस्तीपुर आती है, जिसे यहां से कुछ देर रुकने के बाद दरभंगा रवाना कर दिया जायेगा.

हमसफर को पहले मिलेगा स्लीपर कोच : कटिहार-चंपारण हमसफर एक्सप्रेस में एसी कोच के अलावा जल्द ही स्लीपर कोच भी जुड़ जायेगा. पूमरे की ओर से हम सफर श्रेणी की ट्रेन में सबसे पहले इसी ट्रेन को स्लीपर कोच से जोड़ने की योजना बनी है. इसके बाद ही अन्य हमसफर कोच में स्लीपर कोच जोड़ा जायेगा.

कैमूर : हाइस्पीड ट्रेन चलाने के लिए किया गया ट्रायल

कुदरा (कैमूर) : पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से धनबाद तक 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चला कर शनिवार को पूर्व रेलवे ने स्पीड परीक्षण का ट्रायल किया. जानकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने तेज गति से ट्रेन चलाने के योजना के तहत ट्रायल किया जा रहा है कि हाइस्पीड ट्रेनों के चलने लायक ट्रैक हैं या उनमें कुछ सुधार करने की आवश्यकता पड़ेगी.

ट्रायल ट्रेन में रेलवे के वरीय अधिकारी से लेकर विभाग के इंजीनियर मौजूद रहे. जो रेलवे लाइन, ट्रैक व रेल पटरियों व पुलों का मुगलसराय से धनबाद तक निरीक्षण करते रहे. 130 किलो मीटर प्रति घंटा से चलायी गयी ट्रायल ट्रेन के सफल होने पर रेलवे की ओर से और हाइस्पीड ट्रेन चलाने पर रेलवे विचार करेगा.

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