लगातार हो रहे आपराधिक घटनाओं पर जिप उपाध्यक्ष ने जतायी गहरी चिंता

लगातार हो रहे आपराधिक घटनाओं पर जिप उपाध्यक्ष ने जतायी गहरी चिंता

By Dipankar Shriwastaw | August 8, 2025 6:38 PM

प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग सहरसा . जिला परिषद उपाध्यक्ष सह राजद वरिष्ठ नेता धीरेंद्र यादव ने कहा कि जिले में लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं से आमलोग भय व दहशत में जी रहे हैं. गुरुवार को चैनपुर स्थित विद्यालय में 13 वर्षीय बालक राजेश कुमार का शव बरामद हुआ. वहीं शुक्रवार को सुलिंदाबाद में 25 वर्षीय युवक आशिफ उर्फ सनफराज का सिर कुचलकर बेरहमी से हत्या कर दी गयी. उसका शव भी घर के आगे ही पाया गया. यह दर्शाता है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ पूरी तरह समाप्त हो गया है. अपराधी ताबड़तोड़ दुस्साहसिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है व पुलिस गंभीरता से अनुसंधान करने के बजाय घटनाओं को हल्के में ले रही है. जो बेहद ही चिंताजनक एवं शर्मनाक है. चैनपुर की घटना को महज विद्युत स्पर्शाघात मानकर अनुसंधान को टालना बेहद ही अनुचित है. उन्होंने कहा कि सहरसा विधानसभा के कहरा प्रखंड के चैनपुर गांव स्थित शशिकला मध्य विद्यालय में कक्षा आठ के छात्र राजेश कुमार पिता टुनटुन पंडित का शव विद्यालय परिसर में संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया. यह घटना ना केवल हृदयविदारक है. बल्कि कई सवाल भी खड़ा कर रहा है. जिसका जवाब देना प्रशासन एवं विद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी है. सूचना प्राप्त होते ही वे स्वयं घटनास्थल पर पहुंच वहां मौजूद मृतक राजेश के परिजनों एवं प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत कर वस्तुस्थिति जानने का प्रयास किया. इसके साथ ही डीएसपी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर निष्पक्ष जांचकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की. अब यह बताया जा रहा है कि छात्र की मृत्यु करंट लगने से हुई. ऐसा है तो यह और भी गंभीर प्रश्न खड़े करता है. विद्यालय परिसर में करंट लगने जैसी घटना घटती है एवं किसी को जानकारी नहीं होती है. जब देर शाम परिजन अपने बच्चे की खोज में विद्यालय पहुंचे तो क्यों नहीं तत्काल ताला खोला गया एवं उसकी खोज की गयी. समय रहते खोजबीन होती तो संभव है कि राजेश को बचाया नहीं जा सकता था. यह एक लापरवाही एवं असंवेदनशीलता का ज्वलंत उदाहरण है. यह सिर्फ एक परिवार की पीड़ा नहीं है. यह पूरे समाज व प्रशासन के लिए चेतावनी है. उन्होंने प्रशासन से गुजारिश की कि इस मामले की गंभीरता को समझें एवं उस मां की मर्मांतक वेदना व उस पिता के दर्द को महसूस कर, निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें. राजेश की मृत्यु केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि व्यवस्था की गहरी चूक का परिणाम है. इसी तरह आशिफ की घर के आगे निर्मम हत्या पुलिस पदाधिकारियों को सोचने के लिए विवश नहीं करता है तो यह एक विस्मयकारी घटना है. वे पुलिस अधीक्षक सहित इन घटनाओं के अनुसंधान में लगे सभी पुलिस पदाधिकारियों से पीड़ित परिजनों के लिए न्याय की अपेक्षा रखते हैं. इस तरह की घटनाओं के अनुसंधान में गंभीरता का अभाव आमलोगों में गहरे आक्रोश को जन्म दे सकता है. यह शासन व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती है.

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