अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के उपायों पर दिया गया विशेष जोर
अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के उपायों पर दिया गया विशेष जोर
जलवायु अनुकूल कृषि पर जिला जीविका एवं मधेपुरा के कर्मियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न सहरसा . ग्रामीण क्षेत्रों में टिकाऊ व पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जीविका सहरसा एवं मधेपुरा के जीविका कर्मियों के लिए मंगलवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस विशेष प्रशिक्षण में सहरसा एवं मधेपुरा जिलों के प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. कार्यक्रम का मुख्य विषय जलवायु अनुकूल कृषि रहा. जिसके तहत प्रतिभागियों को बदलते मौसम एवं जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप खेती करने की पद्धति, टिकाऊ कृषि तकनीक, जल व मृदा संरक्षण के उपाय, फसल उत्पादन बढ़ाने के आधुनिक तरीके सिखाए गये. प्रशिक्षण के दौरान पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को कम करते अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के उपायों पर विशेष जोर दिया गया. प्रशिक्षण का संचालन डिजिटल ग्रीन के विशेषज्ञ सुजीत पांडे, अलकेंद्र तिवारी, प्रोग्राम कॉर्डिनेटर ने किया. उन्होंने प्रतिभागियों को व्यवहारिक उदाहरणों के साथ यह समझाया कि किस प्रकार जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटते किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने कम लागत वाली तकनीकों, फसल विविधीकरण एवं जैविक तरीकों को अपनाने के फायदों पर भी विस्तार से चर्चा की. सहरसा जिले के जिला परियोजना प्रबंधक श्लोक कुमार व मधेपुरा जिले के जिला परियोजना प्रबंधक नीलकमल चौधरी ने भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया. दोनों अधिकारियों ने प्रतिभागियों को जलवायु अनुकूल कृषि के महत्व पर अपने विचार साझा किये. उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम ना केवल किसानों की आय में वृद्धि करेंगे. बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. कार्यक्रम में मौजूद प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताते कहा कि इस प्रकार की जानकारी उन्हें खेती में नई तकनीकों को अपनाने एवं जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में मदद करेगी.
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