मनुष्य में जागृत श्रद्धा ही भावनात्मक शीतलता का करती है प्रतिनिधित्वः डॉ अरूण जयसवाल

गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया.

By Dipankar Shriwastaw | July 20, 2025 5:59 PM

गायत्री शक्तिपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन

सहरसा. गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया. सत्र को संबोधित करते ट्रस्टी डॉ अरुण कुमार जायसवाल ने छात्र-छात्राओं को परीक्षा से पहले रिवीजन विषय को समझाते कहा कि विद्यार्थी ने पढ़ाई चाहे कितनी भी की हो, लेकिन परीक्षा से पहले रिवीजन करने की आदत नहीं है, तो परीक्षा में उसे काफी परेशानी हो सकती है. अभिभावक चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में अव्वल आये. अपना एवं परिवार का नाम रोशन करें. अक्सर परीक्षा एवं रिवीजन के मामले में अभिभावक पीछे रह जाते हैं. उसकी अहमियत को समझना पड़ेगा, तब बात बनेगी. परीक्षा में बच्चा कितना सफल होगा, यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि उसने रिवीजन कितने बेहतर तरीके से किया है. उन्होंने कहा कि रिवीजन के लिए एक टाइम टेबल बनाना चाहिए. टाइम टेबल के अनुसार सभी विषय चैप्टर एवं उसके साथ सभी महत्वपूर्ण टॉपिक को करना चाहिए. रिवीजन के लिए सक्रिय एवं शांत दिमाग बहुत जरूरी है, इससे कम समय में ज्यादा रिवीजन किया जा सकता है. नियमित अंतराल पर ब्रेक लेकर लंबे समय तक पढ़ाई में सक्रिय रहा जा सकता है. सावन माह अभिषेक का माह विषय पर उन्होंने कहा कि मानसिक एवं शारीरिक शीतलता के लिए मनुष्य सदैव प्रयासरत रहता है. मनुष्य में जागृत श्रद्धा ही भावनात्मक शीतलता का प्रतिनिधित्व करती है. श्रद्धा की भावना ही मानसिक शांति एवं प्रगति का कारण बनती है. इस अवसर पर एडिशनल जज रंजना ने कहा कि गायत्री शक्ति की में शांतिकुंज हरिद्वार की छवि दिखाई देती है. गायत्री परिवार में उनकी आस्था है. खगड़िया के सिविल जज शशांक ने अध्यात्म एवं ज्ञान के महत्व को बताते हुए कहा कि अध्यात्म हमें सिखाता है कि हम में अनंत शक्ति है एवं ज्ञान शक्ति का खजाना है.

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