कबीरा धाप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एमबीबीएस चिकित्सक नहीं, स्थानीय जनता परेशान
प्रखंड अंतर्गत कोसी तटबंध के अंदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कबीरा धाप में आज तक एक भी एमबीबीएस चिकित्सक की पदस्थापना नहीं होने से स्थानीय लोगों को इलाज के अभाव में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रखंड क्षेत्र में एमबीबीएस चिकित्सक के बदले आयुष पर लाखों की आबादी निर्भर सलखुआ. प्रखंड अंतर्गत कोसी तटबंध के अंदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कबीरा धाप में आज तक एक भी एमबीबीएस चिकित्सक की पदस्थापना नहीं होने से स्थानीय लोगों को इलाज के अभाव में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कोसी नदी के पार बसे इस क्षेत्र के लोगों में वर्षों पूर्व अस्पताल खुलने पर बड़ी उम्मीद जगी थी कि अब साधारण इलाज से लेकर प्रसव तक की सुविधा यहीं उपलब्ध होगी, लेकिन दो दशक बीत जाने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में केवल आयुष चिकित्सक के भरोसे इलाज चल रहा है, जबकि प्रसव, अल्ट्रासाउंड व अन्य प्रयोगशाला जांच जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. गर्भवती महिलाओं को हर छोटी-बड़ी जांच के लिए कोसी नदी पार कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलखुआ, अनुमंडलीय अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर या जिला अस्पताल खगड़िया तक करीब 25 किलोमीटर की दूरी तय कर जाना पड़ता है. कई बार समय पर एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं हो पाता है, जिससे मरीजों की परेशानी और बढ़ जाती है. स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल में स्वास्थ्य प्रबंधक की स्थायी नियुक्ति नहीं है, जिसके कारण वैकल्पिक व्यवस्था भी समय पर नहीं बन पाती. जनता महादलित संघ, सहरसा के जिला महासचिव अशोक राम ने इस गंभीर समस्या पर स्वास्थ्य मंत्री, बिहार सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि कबीराधाप जैसे संवेदनशील और भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में तत्काल एमबीबीएस चिकित्सक व स्थायी स्वास्थ्य प्रबंधक की पदस्थापना की जानी चाहिए, ताकि आम जनता को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें. स्थानीय लोगों ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द कदम उठाकर इस लंबे समय से उपेक्षित स्वास्थ्य केंद्र को बेहतर सेवा के लायक बनायेगी.
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