जीवन में क्षमा करना सीखें, क्षमा करना सबसे अच्छा समाधानः डॉ अरूण
जीवन में क्षमा करना सीखें, क्षमा करना सबसे अच्छा समाधानः डॉ अरूण
गायत्री शक्तिपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन सहरसा . गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया. सत्र को संबोधित करते डॉ अरुण कुमार जायसवाल ने कहा कि जीवन सुख दुख की यात्रा है. हम सबको कभी सुख तो कभी दुख का सामना करना पड़ता है जो जीवन का हिस्सा है. कभी-कभी परिस्थितियों को नजरअंदाज करने से परिस्थितियां सुधरने के बजाय बिगड़ने लग जाती है. इससे तनाव पैदा होता है व हम सब उस तनाव के शिकार भी हो जाते हैं. तनाव से बचने के लिए, तनाव पैदा करने वालों से बचने के लिए सबसे पहले नकारात्मक सोच वालों से दूर रहे. जो जैसा सोचता एवं करता है, वह वैसा ही बन जाता है. विपरीत परिस्थितियों में लोग हमें भड़का सकते हैं, हमारी शांति भंग कर सकते हैं. इसी संदर्भ में उन्होंने गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के शब्दों को याद करते कहा कि बुद्धिमान सोचते पहले हैं एवं बोलते बाद में हैं. लेकिन मूर्ख बोलते व करते पहले हैं, सोचते बाद में हैं. हम किसी भी परिस्थितियों में कितना सोच समझ कर प्रतिक्रिया करते हैं, यह हमारे संबंधों को संवारने एवं बिगाड़ने में बहुत मायने रखता है. बिना सोचे कुछ करने या प्रतिक्रिया देने से संबंधों की मधुरता समाप्त हो जाती है. हम विपरीत परिस्थितियों का आकलन करते हैं तो इससे जुड़े डर से बाहर आने में सफल हो जाते हैं. जो विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाये रखता है, वही सच्चा शूरवीर होता है. साथ ही इस सत्र के दौरान श्री जायसवाल ने कहा कि माफ कीजिए व मुक्त हो जाइए. जीवन में क्षमा करना सीखिए. क्षमा करना सबसे अच्छा समाधान है. गायत्री शक्तिपीठ में आगामी 12 अगस्त को विशेष बैठक शांतिकुंज की टोली द्वारा आयोजित होगी. जिसमें शक्तिपीठ से जुड़े सभी गायत्री परिजन भाग लेंगे. 15 अगस्त को आठ बजे झंडोतोलन का कार्यक्रम होगा. जिसमे सभी परिजन भाग लेंगे. 16 अगस्त को जन्माष्टमी का पूजन शाम चार बजे से होगा.
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