मनोविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए किया प्रेरित
मनोविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए किया प्रेरित
स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर मनोवैज्ञान के छात्र-छात्राओं के लिए हुआ संगोष्ठी का आयोजन, वक्ताओं ने रखे अपने विचार सहरसा . सर्व नारायण सिंह रामकुमार सिंह महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं के लिए शनिवार को संगोष्ठी का आयोजन विल्हेम वुण्ड्ट एवं सिगमंड फ्रायड के योगदान से रखा गया. जिसमें आधुनिक मनोविज्ञान के जनक वुण्ड्ट एवं मनोविश्लेषण के प्रवर्तक फ्रायड के सिद्धांतों व उनके महत्वपूर्ण योगदानों पर विस्तृत चर्चा की गयी. यह संगोष्ठी छात्र-छात्राओं को मनोविज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों से परिचित कराने एवं उनके अध्ययन के प्रति रुचि जगाने के उद्देश्य से आयोजित की गयी. संगोष्ठी की शुरुआत विभागीय प्राध्यापिका डॉ रचिता द्वारा की गयी. उन्होंने छात्र-छात्राओं को संगोष्ठी के उद्देश्यों को रेखांकित किया. विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार सिंह ने विशेष रूप से महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो डॉ अशोक कुमार सिंह को संगोष्ठी में आमंत्रित किया. प्रधानाचार्य डॉ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि यह संगोष्ठी ना केवल छात्र-छात्राओं के लिए ज्ञानवर्धक सिद्ध होगी. बल्कि मनोविज्ञान विभाग की सक्रियता का भी प्रतीक बनेगा. डॉ अनिल ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते वुण्ड्ट एवं फ्रायड के योगदानों को विस्तार से समझाया. उन्होंने छात्र-छात्राओं को हृदय से अध्ययन करने एवं मनोविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया. इसके बाद डॉ प्रेमलता, डॉ गायत्री एवं डॉ सैयद रबाब फातिमा ने मनोविज्ञान के विभिन्न पहलुओं को छात्र-छात्राओं के समक्ष रखा. उन्होंने विषय को सरल व रोचक ढंग से समझाने का प्रयास किया. जिससे छात्रगण विषय की गहराई तक पहुंच सके. संगोष्ठी में पीजी प्रथम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को भी विषय पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया गया. सभी छात्र-छात्राओं ने अन्य सालों की भांति उत्साहपूर्वक भाग लिया एवं अपने ज्ञान का प्रदर्शन किया. सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए छात्रा स्नेहा को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ. जिसे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार ने प्रमाण-पत्र प्रदान किया. संगोष्ठी का समापन होने पर डॉ रचिता ने अतिथि वक्ता के रूप में डॉ निपेन्द्र कुमार, डॉ अनंत कुमार सिंह एवं डॉ सुधीर कुमार सिन्हा का आभार व्यक्त किया. इस संगोष्ठी को सफल बनाने में पुरुषोत्तम सिंह, परशुराम, सत्यनारायण सहित अन्य ने सहयोग किया.
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