आपस में मेल से रहो, सबका ईश्वर एक : चतुरानंद महाराज
जिला संतमत सत्संग का दिवारी स्थान मंदिर प्रांगण में चल रहे दो दिवसीय 62वां वार्षिक अधिवेशन का रविवार को समापन हो गया.
जिला संतमत सत्संग का दो दिवसीय 62वां वार्षिक अधिवेशन संपन्न
सहरसा. जिला संतमत सत्संग का दिवारी स्थान मंदिर प्रांगण में चल रहे दो दिवसीय 62वां वार्षिक अधिवेशन का रविवार को समापन हो गया. मीडिया प्रभारी चंदन वर्मा ने बताया कि अधिवेशन में महर्षि मेंहीं धाम मनियारपुर बांका से पधारे वर्तमान आचार्य पूज्यपाद महर्षि चतुरानंद महाराज व राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आये संत स्वामी अनुभवानंद महाराज, स्वामी ज्ञानी महाराज, स्वामी प्रेमानंद महाराज, स्वामी लालानंद महाराज, स्वामी शाही सरन बाबा, हरिमोहन बाबा, नवल बाबा, फुलेंद्र बाबा, ज्ञानानंद स्वामी, महेशानंद बाबा व अन्य साधु संत का प्रवचन हुआ. प्रवचन में ग्रंथ पाठ, भजन-कीर्तन व सद्गुरू महाप्रसाद का आयोजन किया गया.महर्षि चतुरानंद महाराज ने कहा कि आपस में मेल से रहो, सबका ईश्वर एक है. दिवारी विषहरी स्थान के बगल में संतमत सत्संग मंदिर की नींव स्वामी अनुभवानंद महाराज द्वारा छह महीने पहले रखी गयी थी. मंदिर निर्माणाधीन है. मंदिर के व्यवस्थापक देवेंद्र बाबा व प्रमोद के निवेदन पर वार्षिक अधिवेशन दिवारी में कराया गया. दो दिनों तक पूरा दिवारी गांव भक्तिमय माहौल में डूबा रहा. अधिवेशन में जिलाध्यक्ष हरिनारायण राम, अशोक यादव, सुमन कुमार, सनत कुमार, रामबाबू यादव, सुमन यादव, रामबहादुर यादव, घनश्याम यादव, पंकज यादव, संजीव यादव, चंदेश्वरी दास, सत्य नारायण यादव, जिला परिषद सदस्य विनीत सिंह, मिथलेश यादव, लक्ष्मी भगत, चंदन भगता, राहुल कुमार, अवधेश यादव, मोहन यादव, मन्ना सिंह, निभाष, सर्वेश, रंजीत भगत, चेतन सहित सभी क्षेत्रीय सत्संगी मौजूद रहे.
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