तीन दोस्तों ने गला दबाकर युवक को मार डाला, लेनदेन के विवाद में हुई हत्या

सहरसा : बिहार के सहरसा में शहर के गंगजला से बीते नौ नवंबर को अपह्त अधिवक्ता सुभाष चंद्र सिंह के पुत्र अभिषेक वत्स उर्फ बौआ का शव बीस दिन बाद मधेपुरा जिला के ग्वालपाड़ा थाना क्षेत्र के शाहपुर में मिलने के बाद सनसनी फैल गयी. शव मिलने की सूचना मिलते ही बौआ के परिजनों का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 1, 2019 11:14 AM

सहरसा : बिहार के सहरसा में शहर के गंगजला से बीते नौ नवंबर को अपह्त अधिवक्ता सुभाष चंद्र सिंह के पुत्र अभिषेक वत्स उर्फ बौआ का शव बीस दिन बाद मधेपुरा जिला के ग्वालपाड़ा थाना क्षेत्र के शाहपुर में मिलने के बाद सनसनी फैल गयी. शव मिलने की सूचना मिलते ही बौआ के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पुलिस ने नामजद आरोपी मधेपुरा जिला के ग्वालपाड़ा थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी मुकेश सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है.

सदर थाना में शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रभाकर तिवारी ने बताया कि बीते 14 नवंबर को सदर थाना में मामला दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा था. इसी दौरान नामजद आरोपी अभिषेक सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने उसी दिन हत्या कर अपने गांव के एक बगीचा में मिट्टी के अंदर शव दफनाने की बात कही. जिसके बाद सदर थानाध्यक्ष राजमणि के नेतृत्व में सदर थाना पुलिस ने ग्वालपाड़ा थाना पुलिस की मदद से बगीचा से शव बरामद किया. जिसे अंत्यपरीक्षण के लिए भागलपुर भेजा गया है.

लेनदेन के विवाद में हुई हत्या
सदर एसडीपीओ श्री तिवारी ने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार युवक ने बताया कि मृतक व उसके अलावे दो युवक आपस में दोस्त थे. मृतक ने उससे सात हजार रुपये लिये थे. जिसे वह वापस करने के लिए बोल रहा था तो वह आनाकानी कर रहा था. जिसको लेकर उससे सभी की अनबन थी. इसी दौरान उसके दो अन्य दोस्त सोनू व मंजीत ने भी मृतक के बारे में बोला तो उनलोगों ने आपस में विचार कर पहले उससे दोस्ती की. जिसके बाद योजना के अनुसार उसे बहला फुसलाकर बस स्टैंड ले गया. जहां से उसे बस से अपने गांव ले गया. गांव पहुंचने के कुछ देर बाद सोनू व मंजीत भी पहुंचे और सभी बगीचा गये. जहां उसका गला दबाकर मार दिया और शव छिपाने के लिए गड्ढ़ा खोद कर दबा दिया.

घटना में सभी अपने बचाव के लिए सहरसा भी वापस आ गया. एसडीपीओ ने कहा कि मामले में अनुसंधान किया जा रहा है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. गिरफ्तार नहीं होने पर न्यायालय के निर्देश पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई भी की जायेगी. प्रेसवार्ता के दौरान सदर थानाध्यक्ष राजमणि सहित अन्य मौजूद थे.

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