सहरसा : दोहरे हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा

सहरसा : बिहार के सहरसा में त्वरित न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश सह पीठासीन पदाधिकारी हरिदयाल पटेल की अदालत ने अपने एक अहम फैसले में बख्तियारपुर थाना कांड संख्या 25/14 के नामित दोषसिद्ध अभियुक्त चिंगरौली निवासी दिलीप सादा को दो धाराओं में सजा सुनाई. भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपये […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 18, 2019 5:51 PM

सहरसा : बिहार के सहरसा में त्वरित न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश सह पीठासीन पदाधिकारी हरिदयाल पटेल की अदालत ने अपने एक अहम फैसले में बख्तियारपुर थाना कांड संख्या 25/14 के नामित दोषसिद्ध अभियुक्त चिंगरौली निवासी दिलीप सादा को दो धाराओं में सजा सुनाई. भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपये का अर्थदंड दिया. वहीं, अर्थदंड की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का फैसला सुनाया. जबकि, धारा 324 में एक साल का कारावास की सजा सुनाई गयी.

उक्त वाद के सूचक अशोक तांती ने पांच वर्ष पूर्व बख्तियारपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज किया कि 26 जनवरी 2014 को दिलीप तांती की मां के श्राद्ध के काम में लेन देन को लेकर हल्ला-गुल्ला हुआ. उसके बाद सुरेश तांती के घर पर नारायण तांती द्वारा दिलीप तांती, मंटून तांती, जगदीश तांती, प्रमोद तांती आदि को शराब पिलाया गया. उसी क्रम में षड्यंत्र रचकर प्रमोद तांती ने दिलीप तांती के हाथ में धारदार हंसुआ देते हुए कहा कि अशोक तांती के पूरे परिवार को समाप्त कर दो.

दिलीप तांती ने उक्त हंसुआ से पक्की सड़क पर शम्भू तांती का गर्दन काट दिया. उसकी मृत्यु घटना स्थल पर हो गयी. जब उसकी मां बचाने आयी तो उसके गर्दन पर वार कर उसका भी गला काट दिया. उसकी भी मृत्यु वही कच्ची गली में हो गयी. जब हल्ला सुनकर सूचक का भाई वकील तांती आया तो उस पर हंसुआ चलाया. जिसे हाथ से रोकने के क्रम में जख्मी हो गया. इस वाद में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल दस गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया. सरकार की ओर से उषा मेहता ने पैरवी की.

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