बनगांव में मिथिला की प्रसिद्ध घुमौर होली आज

कहरा : बुधवार को बनगांव में हाने वाले मिथिला के प्रसिद्ध घुमौर होली को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह है. इस वर्ष जहां लोकसभा चुनाव को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरगर्मी बढ़ी हुई हैु वहीं बनगांव में होली को लेकर किसी तरह का प्रभाव नहीं है. सभी ग्रामीण होली के उमंग मे सराबोर नजर आ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 20, 2019 5:29 AM

कहरा : बुधवार को बनगांव में हाने वाले मिथिला के प्रसिद्ध घुमौर होली को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह है. इस वर्ष जहां लोकसभा चुनाव को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरगर्मी बढ़ी हुई हैु वहीं बनगांव में होली को लेकर किसी तरह का प्रभाव नहीं है. सभी ग्रामीण होली के उमंग मे सराबोर नजर आ रहे हैं.

इस बार भी बनगांव की होली खेलने और देखने गांव सहित अन्य क्षेत्रों के भी अधिकारी सहित बड़े जनप्रतिनिधि मौजूद रहेगें. होली के अवसर पर इस वर्ष भी ग्रामीणों द्वारा बनारस सहित अन्य जगहों के कलाकारों द्वारा त्रिदिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कराया जायेगा.
संत लक्ष्मीनाथ ने होली का बदला इतिहास
अठारहवीं शताब्दी में संत लक्ष्मीनाथ गोस्वामी द्वारा समाज के लोगों में आपसी सदभाव को लेकर कृष्ण जन्माष्टमी, होली सहित कई आयोजनों को एक नया आयाम दिया. जो आज भी प्रासंगिक है. इसके पूर्व क्षेत्र में अलग-अलग दिन अपने तरीके से होली मनाने की परंपरा थी.
जिसे एक सूत्र में बांधने के लिए बनगांव सहित आसपास के क्षेत्रों मे बसे सभी वर्णों के लोगों में आपसी सदभाव बनाने को लेकर शुरू किये गये होली पर्व में आज भी देखने को मिलता है. इसी देखादेखी में क्षेत्र के कई ग्रामीण क्षेत्रों में बनगांव के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को ही होली मनाते और खेलते हैं. जिसके कारण बनगांव की होली ब्रज की होली की तरह मिथिला में प्रसिद्ध हो गयी.

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