पितृपक्ष मेले के पूर्व तैयार होगा फल्गू नदी पर रबर डैम, बोले मंत्री संजय झा- छह नदियों को जोड़ा जायेगा

छह नदियों को जोड़ने के लिए इनका प्रारूप तैयार किया जा रहा है. इसमें बागमती-गंगा लिंक, बूढ़ी गंडक-नून-वाया-गंगा लिंक और बागमती-बूढ़ी गंडक योजना शामिल हैं. इस वर्ष एक-एक नदी को जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो जायेगा.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 9, 2022 8:13 PM

पटना. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि फल्गू नदी पर गया के फल्गू नदी पर राज्य का पहला रबर डैम का निर्माण इस साल के पितृपक्ष मेले से पहले पूरा कर लिया जायेगा. इससे विष्णुपद मंदिर के पास वर्षभर गंगा का पानी उपलब्ध रहेगा. जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत गंगा के पानी को बोधगया, गया, राजगीर और नवादा तक पहुंचाने की योजना में सिर्फ नौ किमी पाइप बिछाने का काम बचा हुआ है.

135 किमी से अधिक में काम पूरा हो गया है. जून तक इसके पूरा होने की संभावना है. बुधवार को विधानसभा में जल संसाधन मंत्री संजय झा ने 2022-23 के लिए चार हजार 310 करोड़ का बजट पेश किया. इसे विपक्ष के वाकआउट के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.

मंत्री ने कहा कि नदी जोड़ योजना के तहत प्रदेश की छह नदियों को जोड़ने के लिए पांच से छह नदियों को जोड़ने के लिए इनका प्रारूप तैयार किया जा रहा है. इसमें बागमती-गंगा लिंक, बूढ़ी गंडक-नून-वाया-गंगा लिंक और बागमती-बूढ़ी गंडक योजना शामिल हैं. इस वर्ष एक-एक नदी को जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो जायेगा.

कोसी-मेची लिंक योजना इसके तहत पूर्वी कोसी मुख्य नहर का 41.30 किमी में रिमॉडलिंग कार्य, 76.20 किमी में मुख्य लिंक नहर और 229 किमी में शाखा नहर का निर्माण होना है. इससे अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में चार लाख 14 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी. इस योजना में 90 और 10 के अनुपात पर काम करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है.

मंत्री ने कहा कि 2022-23 में दो लाख 11 हजार 568 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित कर दी जायेगी. इसके लिए 29 योजनाएं को पूरा करने का काम तेजी से चल रहा है. इसमें पश्चिमी कोसी नहर परियोजना, पश्चिमी गंडक नहर परियोजना, पूर्वी सोन उच्च स्तरीय मुख्य नहर, सूर्यगढ़ा पंप नहर योजना के जीर्णोद्धार, सकरी नदी पर दरियापुर वीयर की वितरण प्रणाली, गोईठवा नदी पर छिलका का कार्य, दैली वीयर सिंचाई योजना को फिर से चालू करना, मलई बराज योजना, तियरा पंप हाउस समेत अन्य योजनाएं मुख्य रूप से शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में 13 हजार 829 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई योजना को फिर से शुरू किया गया है. मंत्री ने कहा कि विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक का समावेश किया जा रहा है. इसी क्रम में इ-ऑफिस प्रणाली अपनायी गयी है. इसके अलावा सुपौल में बन रहा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इस साल बनकर तैयार हो जायेगा. वीरपुर में भौतिकीय प्रतिमान केंद्र का निर्माण किया जा रहा है. इससे विभागीय तकनीकी क्षमता अधिक बढ़ जायेगी.

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कई लंबित परियोजनाओं और कुछ नयी योजनाओं को आगामी वित्तीय वर्ष में पूरी करने जा रही है. अब तक राज्य के 1.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जल जमाव से मुक्त किया जा चुका है. सीतामढ़ी जिले में लखनदेई नदी को फिर से जीवित कर लिया गया है. इसकी पुरानी धार को नयी धार से मिलाने के लिए तीन किमी लंबाई में नये चैनल का निर्माण प्रगति पर है. 18.27 किमी उड़ाही का काम पूरा हो चुका है.

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