बिहार में उफान पर कई नदियां, बागमती और लालबकेया खतरे के निशान से ऊपर, शिवहर-मोतिहारी का टूटा संपर्क

नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण भारत नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज से शुक्रवार को एक लाख 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इस कारण से बिहार की कई नदियां उफना गयीं हैं. लोगों के घरों में पानी घुस गया है.

By Anand Shekhar | August 25, 2023 9:25 PM

नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण शुक्रवार को बिहार की कई नदियां उफना गयीं. शिवहर-मोतीहारी एसएच 54 पर नरकटिया में दो फुट बागमती नदी का पानी चढ़ गया है. इससे मोतिहारी से शिवहर की संपर्क टूट गया है. साथ ही कई गांवों में पानी घुस गया. सीतामढ़ी के सुरसंड में श्रीखंडी भिट्ठा गांव से होकर बहने वाली रातो नदी का पानी वार्ड संख्या पांच में पानी प्रवेश कर गया है. एनएच 227 से वार्ड में जाने वाली एकमात्र पीसीसी सड़क दो फुट पानी में डूब गया है. वहीं श्रीखंडी भिट्ठा पूर्वी, श्रीखंडी भिट्ठा पश्चिमी, डाढ़ाबाड़ी व दिवारी मतौना पंचायत के दर्जनों गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ सूचक यंत्र के केयर टेकर रंजीत कुमार झा ने बताया कि रातो नदी का जलस्तर 220 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है.

घरों में पानी प्रवेश कर जाने से बढ़ी लोगों की मुश्किलें

उधर परिहार प्रखंड में हरदी नदी में अचानक उफान से कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. दो दर्जन से अधिक घरों में पानी प्रवेश कर जाने की सूचना है. परवाहा-लालबंदी पथ में बंसवरिया रैन से लेकर लहुरिया बाजार तक करीब ढाई से तीन फुट पानी का तेज बहाव हो रहा है. इसके चलते इस पथ पर वाहनों का आवागमन ठप हो गया है. कई गांव के सरेह में पानी फैल जाने के कारण फसलों पर संकट खड़ा हो गया है. लहुरिया गांव स्थित एक मस्जिद, विद्यालय एवं पंचायत भवन सहित कई घरों में पानी प्रवेश कर जाने के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. बाढ़ के कारण लहुरिया के अलावा बंसबरिया, बारा, खुरसाहा, लपटाहा, चांदपुरा, खुद्दी बखारी आदि गांव प्रभावित है. अंचलाधिकारी प्रभात कुमार लगातार बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर रहे हैं.

अलर्ट मोड में प्रशासन

बैरगनिया में बागमती व लालबकेया के जलस्तर में वृद्धि को लेकर प्रशासन अलर्ट है. पूर्वी एवं पश्चिमी छोर पर बहने वाली दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. कार्यपालक अभियंता भास्कर कुमार बताया कि बागमती व लालबकेया नदी के जलस्तर में गुरुवार से बढ़ोतरी हो रही है

नदियों के जलस्तर में वृद्धि

बागमती व लालबकेया नदी समेत अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. ढेंग में 50 सेमी, सोनाखान में 1.10 मीटर, डुब्बा घाट में 34 सेमी व कटौझा में 40 सेमी बागमती का जलस्तर लाल निशान से ऊपर पहुंच गया है. इसी तरह गोआवाडी में लालबकेया नदी के जलस्तर भी वृद्धि बनी हुई है. फिलहाल तीन सेमी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के शुक्रवार को सुबह 9 बजे की रिपोर्ट के अनुसार सुंदरपुर व पुपरी में अधवारा नदी का जलस्तर अभी स्थिर बना हुआ है. वहीं, सोनबरसा में झीम नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज किया गया है.

कमला नदी खतरे के निशान से 1.20 मीटर ऊपर

मधुबनी के झंझारपुर व जयनगर में कमला नदी का जलस्तर शुक्रवार खतरे के निशान से 1.20 मीटर हो गया. सुबह में कमला नदी की जलस्तर 49.80 पर पहुंच कर खतरा के निशान के आसपास था. दोपहर बाद 3 बजे 51.20 मीटर पर पहुंच गया. झंझारपुर कमला नदी खतरे के निशान से 50 मीटर पर अंकित है. कार्यपालक अभियंता संजय कुमार ने कहा कि दोपहर में खतरा के लाल निशान 50 मीटर को पार कर जलस्तर 51.20 मीटर पर पहुंच गया था. विभाग तटबंध की निगरानी में लगी है. फिलहाल कमला नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जयनगर में जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 1.25 सेमी ऊपर बह रहा था. जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बांध किनारे बसे शहरी क्षेत्र के वार्ड छह, सात, 11, 12 एवं 13 के लोगों में दहशत है. नदी किनारे बसे इस्लामपुर गांव में लोगों के घरों तक पानी पहुंच गया है.

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गंडक बराज से एक लाख 70 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज

भारत नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज से शुक्रवार को एक लाख 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. गंडक बराज के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का खेल जारी है. कार्यपालक अभियंता रज्जन शमीम ने बताया कि नेपाल के जल अधिग्रहण वाले क्षेत्रों में बारिश का आसार बना हुआ है. इस कारण जलस्तर बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. गंडक बराज के सभी फाटकों को उठा दिया गया है. सभी गेटों की नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है. कंट्रोल रूम में मैनुअल और स्काडा सिस्टम दोनों बेहतर काम कर रहे हैं. गंडक बराज के फाटकों को संचालित करने के लिए विद्युत के अलावा जेनेरेटर की व्यवस्था की गयी है. बता दें कि नेपाल के नारायण घाट में हुई बारिश का जल गंडक बराज तक पहुंचने में अमूमन आठ घंटे समय लगता है.

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