होली पर केमिकल रंगों से बचें, नेचुरल व हर्बल रंगों का ही करें प्रयोग : डॉ अभय कुमार
होली पर केमिकल रंगों से बचें
पूर्णिया. होली रंगों, पुआ-पकवानों, मिठाइयों और खुशियों का त्यौहार है. इस खुशी के अवसर पर सभी को अपनी सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए. होली के दौरान रंगों के प्रभाव, खानपान और बच्चों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है. खासकर बच्चों के साथ साथ डायबिटीज़ और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए. जीएमसीएच कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अभय कुमार ने इस संबंध में बताया कि होली में इस्तेमाल होने वाले रंगों में लेड, क्रोमियम, और अन्य हानिकारक रसायन हो सकते हैं, जो एलर्जी, त्वचा पर जलन, आंखों में संक्रमण, और अन्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं. जबकि बच्चों की त्वचा अधिक संवेदनशील होती है और वे अधिक रंगों से प्रभावित हो सकते हैं. इसलिए इनकी जगह हर्बल या प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें, जो त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं. त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए, किसी मॉइस्चराइज़र या नारियल तेल की एक मोटी परत लगाएं, ताकि रंग त्वचा में ज्यादा प्रवेश न कर सके. होली खेलते समय पूरे शरीर के साथ सर को भी ढकने वाले कपड़े पहनें, ताकि रंग त्वचा पर कम से कम लगे, शरीर पर चोट का खतरा न हो और रंगों के कारण बालों की जड़ों को नुकसान न हो. आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा बेहतर उपाय है. आंखों में रंग चले जाने पर तुरंत पानी से धोएं और डॉक्टर से संपर्क करें. खानपान पर रखें विशेष ध्यान डॉ. अभय ने होली में खानपान पर भी विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है उन्होंने बताया होली में आमतौर पर तले-भुने और मीठे पकवानों की अधिकता होती है, जो हमारी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं. खासकर, ज्यादा तला हुआ खाना पचने में कठिनाई पैदा कर सकता है और इससे पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. होली के दिन छोटी-छोटी मात्रा में भोजन करें ताकि पाचन सही रहे और शारीरिक ऊर्जा का स्तर बरकरार रहे. ताजे फल और हरी सब्जियां खाएं. शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए ज्यादा पानी और ताजे जूस का सेवन करें. डायबिटीज़ रोगियों को होली में मीठा भोजन व मिठाइयों से बचना चाहिए और शुगर फ्री या कम शक्कर वाली मिठाइयां खानी चाहिए. होली खेलने के दौरान हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधि बनाये रखना चाहिए ताकि शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जा सके. इसके अलावा अधिक से अधिक पानी पियें और हाइड्रेटेड रहें. डॉ अभय कुमार, विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन, जीएमसीएच
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