जीएमसीएच में सबडर्मल गर्भनिरोधक इंप्लांट सेवा हुई शुरू

10 महिलाओं में किया गया प्रत्यारोपण

By SATYENDRA SINHA | July 18, 2025 5:23 PM

10 महिलाओं में किया गया प्रत्यारोपण

पूर्णिया. बच्चों में अंतर रखने अथवा अन्य वजहों से अपनाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के गर्भ निरोधकों के बीच एक नाम तेजी से उभरकर सामने आया है और वो है सबडर्मल गर्भनिरोधक इंप्लांट. महिलाओं में अबतक चर्चित गर्भ निरोधकों से इतर इस नये गर्भनिरोधक के रूप में सबडर्मल गर्भनिरोधक इंप्लांट को बेहद सुरक्षित, झन्झट रहित और लम्बे समय तक कारगर बताया गया है. यह एक अस्थायी उपाय के रूप में सामने आया है. सबसे ख़ास बात यह है कि इस सबडर्मल गर्भनिरोधक इंप्लांट के पायलट प्रोजेक्ट के लिए सूबे के 9 अस्पतालों में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल को भी चिह्नित किया गया है और इसके लिए जीएमसीएच की गायनी विभागाध्यक्ष डॉ. ऋचा झा ने बतौर मुख्य प्रशिक्षक पटना में प्रशिक्षण हासिल किया है. ऋचा झा अब जीएमसीएच में अन्य चिकित्सकों को भी इसका प्रशिक्षण देंगी. इसी कड़ी में जीएमसीएच में इस प्रत्यारोपण कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. इसके तहत 10 महिलाओं में इसका प्रत्यारोपण किया गया और उन्हें इससे सम्बंधित कार्ड भी उपलब्ध कराए गये. डॉ. ऋचा झा ने बताया कि यह महिलाओं में उनकी बांह के नीचे स्किन के अन्दर लगाया जाने वाला छोटा सा उपाय है जिसे लगाने अथवा हटाने में बेहद कम समय लगता है. इसका साइड इफेक्ट बिलकुल न के बराबर है. इस अस्थायी गर्भनिरोधक उपाय के लिए महिलायें जीएमसीएच ओपीडी के गायनी विभाग से संपर्क कर निःशुल्क सबडर्मल गर्भनिरोधक इम्प्लांट करवा सकती हैं जबकि बाहर में इस उपाय को अपनाने में करीब 5 हजार रूपये का खर्च आता है. उदघाटन में मौके पर जीएमसीएच अधीक्षक डॉ. संजय कुमार, उपाधीक्षक डॉ. भरत कुमार, डॉ. दीनबंधु प्रसाद, डॉ. कनिष्क कुणाल, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. ऋचा झा, एथिक्स कमेटी के सदस्य संजय पटवा आदि उपस्थित थे. बोले अधीक्षक

साधारण तौर पर गर्भनिरोधकों में अस्थायी साधनों में कुछ परेशानियां अथवा भूलने का खतरा रहता था लेकिन सबडर्मल गर्भनिरोधक इंप्लांट के जरिये महिलायें इनसब चीजों से मुक्त रहती हैं. यह तीन वर्षों के लिए सुरक्षित एवं अस्थायी गर्भनिरोधक उपाय है लेकिन इसे बीच में भी शरीर से अलग कर पुनः महिलायें गर्भधारण कर सकती हैं. यह राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है यह सुविधा जीएमसीएच में बिलकुल मुफ्त है.

डॉ संजय कुमार, अधीक्षक जीएमसीएच

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