मखाना बोर्ड की स्थापना से विकसित होगी उत्पादन की नई तकनीक
मखाना बोर्ड की स्थापना
मखाना की उपज और उसकी क्वालिटी के साथ बढ़ जायेगा पैदावार
किसानों को सीधे बाजार से जोड़ेगा बोर्ड, मिलगा उत्पाद का सही मूल्य
वैज्ञानिक पद्धति के साथ सिखाए जाएंगे सिंचाई प्रणाली व फसल प्रबंधन के गुर
पूर्णिया. मखाना बोर्ड की स्थापना से पूर्णिया-कोशी और आसपास के इलाकों में मखाना उत्पादन की नई तकनीक विकसित होगी जिससे पैदावार के साथ गुणवत्ता भी बढ़ जाएगी जिससे इस इलाके को नई पहचान मिलने वाली है. मखाना बोर्ड न केवल नए संसाधनों और प्रशिक्षण से मखाना की उपज और उसकी क्वालिटी में सुधार करेगा बल्कि किसानों को सीधे बाजार से जोड़ेगा, इससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी और उत्पाद का सही एवं वास्तविक मूल्य भी मिल सकेगा. इतना ही नहीं, मखाना बोर्ड के जरिये किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों, आधुनिक बीज, सिंचाई प्रणाली और फसल प्रबंधन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीते सोमवार को जनसभा में मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा कर गये जिससे मखाना के उत्पादन, प्रोसेसिंग और निर्यात की नई संभावनाएं विकसित होंगी और इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा. जानकारों का मानना है कि बाद के दिनों में बोर्ड की पहल पर मखाना उत्पाद को वैश्विक मंच मिलेगा जिससे किसानों में समृद्धि आएगी और इस क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर भी मिल सकेंगे. दरअसल, मखाना बोर्ड से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा क्योंकि बोर्ड किसानों को तकनीकी सहायता, अनुदान, आधुनिक प्रसंस्करण इकाइयां, सीधा बाज़ार और वैश्विक स्तर पर मखाने की ब्रांडिंग व निर्यात में मदद करेगा, इससे उनकी आय बढ़ेगी और पूरा क्षेत्र आर्थिक रूप से समृद्ध होगा.मखाना का बड़ा हब बन जाएगा पूर्णिया
यहां उल्लेख्य है कि बदलते दौर में पूर्णिया और कोशी का इलाका मखाना का बड़ा उत्पादक क्षेत्र बन गया है. जानकारों का मानना है कि बोर्ड की स्थापना के बाद आने वाले दिनों में पूर्णिया मखाना का बड़ा हब बन जाएगा. बोर्ड की स्थापना से किसानों को अनुदान और वित्तीय सहायता संबल देगी जिससे उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा और निर्यात में भी वृद्धि होगी. जानकारों ने बताया कि अच्छी गुणवत्ता वाले मखाने की खेती से उपभोक्ताओं को भी बेस्ट क्वालिटी के मखाने मिलेंगे. मखाना बोर्ड होने से मखाना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे मखाना इकोनॉमी मजबूत होगी और किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा.————-
मखाना उत्पादन एक नजर में
2010 में नगण्य था पूर्णिया प्रमंडल में मखाना का उत्पादन2015 में 2500 एकड़ में की गई मखाना की खेती
2020 में सिर्फ पूर्णिया में 6500 हैक्टेयर में होने लगी मखाना की खेती2024 में 10 हजार एकड़ में मखाना की खेती कर रहे 5658 किसान
3232 हैक्टेयर में किशनगंज के किसान लगा रहे मखाना—————
मखाना बोर्ड के फायदे
मखाना की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर दिया जाएगा जोर
प्रशिक्षण के साथ मिलेगी अनुदान और वित्तीय सहायताउत्पादन में होगी बढ़ोतरी, बढ़ेगी किसानों की आय
मखाने का बढ़गा निर्यात, तो अर्थव्यवस्था में आएगी मजबूतीयुवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर बनेंगे
किसानों को मिलेगा मखाने का उचित मूल्य होगा आर्थिक सुधारगुणवत्तापूर्ण मखाने की खेती से उपभोक्ताओं को मिलेगी बेस्ट क्वालिटीफोटो. 16 पूर्णिया 7- मखाना की खेती
8- सांकेतिक तस्वीरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
