Patna News: पटना में जल्द चलेगी वाटर मेट्रो, गंगा नदी में दौड़ेगी लेटेस्ट इलेक्ट्रिक बोट, सर्वे का काम पूरा

Patna News: पटना में गंगा नदी पर वाटर मेट्रो चलाने की परियोजना के तहत इलेक्ट्रिक बोट चलाई जाएगी, जो पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होगी. इस बोट में यात्रियों के लिए एयर कंडीशनिंग, डिजिटल टिकटिंग सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा, GPS ट्रैकिंग और आरामदायक सीटिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

By Paritosh Shahi | May 23, 2025 3:47 PM

Patna News: पटना में गंगा नदी में वाटर मेट्रो चलाने की तैयारी हो रही है. वाटर मेट्रो नदी में चलने वाली एक तरह की इलेक्ट्रिक बोट होगी. इसमें यात्रियों को सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं मिलती हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत पटना में गंगा नदी के किनारे आधुनिक वाटर मेट्रो स्टेशन बनेंगे. एनआइटी स्टेशन पर पटना मेट्रो को जोड़ा जायेगा. केरल से कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के अधिकारी पिछले दिनों पटना आए थे. उन्होंने गंगा और गंडक नदी में वाटर मेट्रो के लिए सर्वे किया. टीम ने पटना के दानापुर, दीघा, बिदुपुर, गायघाट के अलावा सोनपुर और हाजीपुर का भी दौरा किया. एक वाटर मेट्रो बोट में 100 लोगों के बैठने और खड़े रहने की क्षमता होगी.

सीधा संपर्क होगा स्थापित

केरल के कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड की एक विशेषज्ञ टीम ने हाल ही में पटना का दौरा किया और गंगा एवं गंडक नदियों में वाटर मेट्रो सेवा शुरू करने को लेकर संभावनाओं का सर्वेक्षण किया. इस दौरान टीम ने पटना के प्रमुख इलाकों जैसे दानापुर, दीघा, बिदुपुर, गायघाट और साथ ही सोनपुर व हाजीपुर में भी स्थल निरीक्षण किया.

इन इलाकों में वाटर मेट्रो स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे और यात्री यहां से आसानी से बोट में चढ़ और उतर सकेंगे. साथ ही, एनआईटी घाट पर पटना मेट्रो को इस सेवा से जोड़ा जाएगा जिससे जल और मेट्रो परिवहन के बीच सीधा संपर्क स्थापित हो सकेगा.

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ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति

इस सेवा में इस्तेमाल होने वाली बोटें पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होंगी, जिससे प्रदूषण मुक्त परिवहन सुनिश्चित होगा. एक बोट में लगभग 100 यात्रियों के बैठने और खड़े होकर सफर करने की व्यवस्था होगी, जिससे अधिक संख्या में लोगों को एक साथ यात्रा करने की सुविधा मिलेगी.

वाटर मेट्रो परियोजना के शुरू होने से पटना में ट्रैफिक जाम की समस्या में काफी कमी आने की उम्मीद है, साथ ही यह राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी एक नया आयाम दे सकती है. यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है तो आने वाले कुछ वर्षों में गंगा नदी पर यह परियोजना एक नया परिवहन मॉडल पेश करेगी.

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