Voter Adhikar Yatra: राहुल गांधी के विरोध में पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता, विरोधियों को फ्लाइंग किस देकर निकले राहुल

Voter Adhikar Yatra: क्या राहुल गांधी का यह अंदाज़ चुनावी रणनीति का हिस्सा है या विरोधियों को हल्के में लेने की कोशिश? क्या वोटर अधिकार यात्रा बिहार की राजनीति का नया समीकरण लिखेगी? और क्या भाजपा–कांग्रेस का यह सीधा टकराव विधानसभा चुनाव की झलक है?

By Pratyush Prashant | August 19, 2025 1:30 PM

Voter Adhikar Yatra: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. तीसरे दिन नवादा में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के कार्यक्रम पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. राहुल गांधी ने न केवल उन्हें मुस्कुराकर जवाब दिया बल्कि फ्लाइंग किस देकर माहौल हल्का करने की कोशिश की. वहीं पोस्टर विवाद से लेकर कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की ने सियासी गर्मी और बढ़ा दी.

बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी हलचलें और तीखी होती जा रही हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ तीसरे दिन नवादा पहुँची, लेकिन यहाँ यात्रा के साथ-साथ राजनीतिक टकराव भी बढ़ गया.

फ्लाइंग किस वाला लम्हा

नवादा जिले के हिसुआ में जैसे ही राहुल गांधी का काफिला पहुँचा, भाजपा कार्यकर्ताओं ने “राहुल गांधी मुर्दाबाद” के नारे लगाने शुरू कर दिए. जवाब में राहुल गांधी ने गाड़ी रुकवाई, विरोधियों की ओर देखा, हाथ से थम्स-अप किया और फिर फ्लाइंग किस देकर मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गए. इस अंदाज़ ने समर्थकों में जोश भर दिया, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे राहुल की “गंभीर मुद्दों से बचने की चाल” बताया.

पोस्टर का विवाद और टकराव

यात्रा के दौरान सबसे बड़ा बवाल हिसुआ के विश्व शांति चौक पर हुआ. यहां कांग्रेस कार्यकर्ता ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के पोस्टर लगा रहे थे. उसी जगह भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर लगाए थे. कांग्रेस विधायक नीतू कुमारी का पोस्टर लगते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और पोस्टर फाड़ने की कोशिश की. देखते-ही-देखते नारेबाजी, धक्का-मुक्की और हंगामा शुरू हो गया.

स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने हस्तक्षेप किया और भाजपा के पूर्व विधायक अनिल सिंह सहित कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. स्थानीय लोग इस पूरे घटनाक्रम से नाराज़ दिखे. उन्होंने कहा कि विश्व शांति चौक, जो शांति का प्रतीक माना जाता है, अब “सियासी अखाड़ा” बन गया है. कई लोगों ने तो व्यंग्य में इसका नाम “विवाद चौक” रख देने की भी मांग कर दी.

राहुल–तेजस्वी का गांव दौरा

पोस्टर विवाद से पहले राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने अचानक अपने काफिले को वजीरगंज ब्लॉक के मनैनी गांव की ओर मोड़ दिया. यहां दोनों नेताओं ने देवी मंदिर में पूजा की और ग्रामीणों से बातचीत की. लोगों की समस्याएं सुनीं और संविधान व मताधिकार के महत्व पर चर्चा की. गांव में करीब आधे घंटे तक रुककर राहुल ने खुद को जमीन से जुड़े नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की.

राहुल–तेजस्वी वजीरगंज ब्लॉक में लोगों से बातचीत किया

यात्रा के दौरान स्कूली बच्चे हाथों में तिरंगा लेकर खड़े दिखाई दिए. राहुल गांधी गाड़ी से उतरकर उनके पास गए, उनसे मिले और उन्हें टॉफियां भी दीं.यह दृश्य यात्रा के समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बन गया.

‘वोटर अधिकार यात्रा’ का मकसद मतदाताओं को जागरूक करना और भाजपा पर चुनावी सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाना है. लेकिन अब यह यात्रा भाजपा–कांग्रेस के सीधी भिड़ंत का मैदान भी बनती जा रही है. राहुल गांधी का आक्रामक अंदाज और तेजस्वी यादव का समर्थन इसे विपक्ष का बड़ा हथियार बना रहा है.

दूसरी ओर भाजपा इस यात्रा को “ड्रामा” करार दे रही है और राहुल गांधी को बिहार की असलियत से बेखबर बता रही है. भाजपा और कांग्रेस का सीधा टकराव, पोस्टर युद्ध, नारेबाजी और राहुल गांधी की फ्लाइंग किस—सब कुछ इस बात का संकेत हैं कि बिहार की राजनीति आने वाले महीनों में और ज्यादा गर्म होगी.(इनपुट: रिया रानी)

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