विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग को लेकर सामने आयी अहम जानकारी, जानिए कब से शुरू हो रहा निर्माण कार्य

Virat Ramayana Temple तीन मंजिला विराट रामायण मंदिर में प्रवेश के बाद प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश के दर्शन होंगे. भगवान गणेश का दर्शन कर जैसे ही आप आगे बढ़ेंगे काले ग्रेनाइट की चट्टान से बने विशाल शिवलिंग के दर्शन होंगे.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 6, 2023 9:20 PM

Virat Ramayana Temple बिहार में विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग का 2025 में स्थापना होगा. इसके लिए 20 जून से निर्माण कार्य शुरु होगा. पटना महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह मंदिर अयोध्या के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा राम मंदिर होगा. करीब सवा सौ एकड़ में फैले इस मंदिर में भगवान श्री राम की जीवनी के अलावा सभी देवी देवताओं के मंदिर होंगे. बताते चलें यह मंदिर बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया चकिया पथ पर कैथवलिया बहुआरा में तैयार किया जाएगा.

सनटेक इंफ्रा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड

किशोर कुणाल ने कहा कि विराट रामायण मंदिर का निर्माण की जिम्मेवारी सनटेक इंफ्रा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है. जो कि पटना मेट्रो के पाइलिंग का भी काम कर रही हैं. संवाददाता सम्मेलन में आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि कंपनी के सीएमडी खुद आए और उन्होंने कहा कि यह काम हमें दीजिए. मेरी कंपनी बगैर एडवांस लिए यह काम करेगी. इसे आप हनुमानजी की कृपा भी कह सकते हैं कि बगैर एडवांस लिए कंपनी ने काम शुरू करने के लिए एग्रीमेंट किया है. इसके लिए सिर्फ हमें मटेरियल देना है. काम के आधार पर कंपनी को 15 दिनों पर पैसा दिया जाएगा.पाइलिंग कराने का खर्च अनुमानित साढ़े 17 करोड़ रुपये रखा गया है. कंपनी के एक अधिकारी श्रवण कुमार झा ने बताया कि विराट रामायण मंदिर में कुल 3102 पिलर होंगे. पाइलिंग कार्य में 1050 टन स्टील और 15 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट की खपत होगी. निर्माण में लगनेवाली सामग्रियां महावीर मंदिर उपलब्ध कराएगा.

33 फिट ऊंचा शिवलिंग के साथ बनेगा सहस्रलिंगम भी

तीन मंजिला विराट रामायण मंदिर में प्रवेश के बाद प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश के दर्शन होंगे. भगवान गणेश का दर्शन कर जैसे ही आप आगे बढ़ेंगे काले ग्रेनाइट की चट्टान से बने विशाल शिवलिंग के दर्शन होंगे. किशोर कुणाल ने कहा कि महाबलिपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराश कर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम भी बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है. शिवलिंग का वजन 200 टन, ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट होगी. आचार्य किशोर कुणाल ने कि शिवलिंग को लाने के लिए चकिया से कैथवलिया की 10 किलोमीटर की दूरी तक सड़क और पुल-पुलिया के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का अनुरोध बिहार के मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री से किया गया है.

शैव और वैष्णव देवी-देवताओं के होंगे 22 मंदिर

इस मंदिर का क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्गफुट होगा. सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा और 198 फीट का एक शिखर होगा, जबकि 180 फीट के चार शिखर भी रहेंगे. 135 फीट का एक शिखर और 108 फीट ऊंचाई के 5 शिखर होंगे.विराट रामायण मंदिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अयोध्या में बन रहे रामलला मंदिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट है, जबकि सबसे ऊंचा शिखर 135 फीट का है जो विराट रामायण मंदिर से आधी ऊंचाई है. विराट रामायण मंदिर में शैव और वैष्णव देवी-देवताओं के कुल 22 मंदिर होंगे. मंदिर निर्माण के लिए 100 एकड़ जमीन उपलब्ध है. इस मंदिर वाले जगह को जानकी नगर के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां कई आश्रम, गुरुकुल,धर्मशाला आदि होंगे.

कंबोडिया सरकार की आपत्ति की वजह से थी रुकावट

किशोर कुणाल ने विराट रामायण मंदिर का नाम पहले विराट अंकोरवाट मंदिर रखा गया था. कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर से मिलते नाम के कारण कंबोडिया सरकार ने वर्ष 2012 में अपनी आपत्ति दर्ज की, उसी वर्ष मंदिर का भूमि पूजन हुआ था. महावीर मंदिर न्यास ने कंबोडिया की आपत्ति के बाद मंदिर का नाम विराट रामायण मंदिर कर दिया. 5 साल तक विभिन्न पत्राचार और कवायद के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की उस रिपोर्ट के बाद मामला सुलझा जिसमें विराट रामायण मंदिर को अंकोरवाट मंदिर से अलग बताया गया. विराट रामायण मंदिर के निर्माण के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी अपनी अनापत्ति दी है.

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