पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के युवाओं में बढ़ रहा बीएड करने का क्रेज, सामान्य वर्ग में लड़कियां आगे

बिहार में बीएड करने का क्रेज पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के युवाओं में बढ़ा है. वहीं सामान्य वर्ग की लड़कियों में भी बीएड करने का क्रेज बड़ा है. सामान्य वर्ग में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या दोगुने से थोड़ा कम है.

By Prabhat Khabar | August 13, 2021 2:04 PM

पटना. बिहार में बीएड करने का क्रेज पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के युवाओं में बढ़ा है. वहीं सामान्य वर्ग की लड़कियों में भी बीएड करने का क्रेज बड़ा है. सामान्य वर्ग में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या दोगुने से थोड़ा कम है.

इस बार बिहार में बीएड करने के लिए 1,36,772 स्टूडेंट्स इच्छुक है, जिनमें 75525 पुरुष, 61238 महिलाएं एवं नौ ट्रांसजेंडर अभ्यर्थी हैं. ये सभी स्टूडेंट्स बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीइटी-बीएड) 2021 के लिए आवेदन किये हैं.

सीइटी-बीएड 13 अगस्त को है. इस एग्जाम में सबसे अधिक पिछड़ा वर्ग के स्टूडेंट्स शामिल हो रहे हैं. पिछड़ा वर्ग के 45,503 परीक्षार्थी सीइटी-बीएड में शामिल होंगे. जिसमें 18,680 महिला, 26,818 पुरुष व पांच ट्रांसजेंडर शामिल होंगे. अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 34,232 अभ्यर्थी इसमें शामिल हो रहे हैं, जिसमें 13,482 महिलाएं, 20,749 पुरुष व एक ट्रांसजेंडर शामिल हैं.

सामान्य वर्ग में महिला अभ्यर्थी सबसे अधिक

इस बार सीइटी-बीएड में सामान्य वर्ग की महिला अभ्यर्थियों की संख्या काफी है. सामान्य वर्ग के 29,446 अभ्यर्थी एग्जाम में शामिल हो रहे हैं, जिनमें 18,878 महिलाएं, 10,567 पुरुष व एक ट्रांसजेंडर अभ्यर्थी इसमें शामिल हो रहे हैं.

वहीं, इडब्ल्यूएस कैटेगरी से 8,660 अभ्यर्थी बीएड करने के इच्छुक हैं, जिसमें 3,127 महिला व 5533 पुरुष शामिल हैं. अनुसूचित जाति के 16,924 व अनुसूचित जनजाति के 2007 अभ्यर्थी बीएड करना चाहते हैं.

Posted by Ashish Jha

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