तेजस्वी यादव बोले- ‘बिहार से शराबबंदी को समाप्त करना है, खुलकर बोले बीजेपी’

तेजस्वी यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर भाजपा को राज्य में शराबबंदी कानून हटवाना है, तो इस पर खुल कर बोले. भाजपा की कथनी और करनी में अंतर रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2022 2:34 AM

पटना: उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भाजपा पर हमला बोला. कहा- पढ़ाई,दवाई, सिंचाई और कमाई पर बहस से भाग रही है पार्टी. जब शराबबंदी कानून में मुआवजे का प्रावधान नहीं है तो इसको लेकर सदन में हंगामा करने से क्या होने वाला है.

‘शराबबंदी कानून हटवाना है, तो खुलकर बोले बीजेपी’

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि शीतकालीन सत्र काफी छोटा था, इसमें जनउपयोगी मुद्दे उठाना चाहिए. अगर भाजपा को राज्य में शराबबंदी कानून हटवाना है, तो इस पर खुल कर बोले. भाजपा की कथनी और करनी में अंतर रहा है. जब सरकार में पार्टी थी तब भी जहरीली शराब से मौतें हुई थीं, उस समय कहां थे. सोमवार को वे शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विधानसभा पोर्टिको में पत्रकारों से रूबरू थे.

Also Read: पूर्व DGP एसके सिंघल बोले- ‘CM की कृपा और अदृश्य शक्ति से बने थे डीजीपी, अब कुछ याद नहीं रखना चाहता हूं’
पूछा- भाजपा शासित राज्यों में कितनी मौतें हुई

उप मुख्यमंत्री ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में कितनी मौतें हुई हैं. भाजपा के मंत्री नित्यानंद राय ने जो सांसद में जो आंकड़ा दिया है. उससे स्पष्ट है कि भाजपा शासित राज्यों में अधिक मौतें हुई हैं. उल्ट भाजपा ड्रामा कर रही है.

बीजेपी ने किया पलटवार

वहीं, तेजस्वी यादव के इस बयान पर बीजेपी ने फौरन पलटवार किया. भाजपा के पूर्व विधायक सह प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का बयान असंवेदनहीन है. छपरा जहरीली शराबकांड में मरने वाले लोगों की संख्या हर दिन बढ़ रही है, लेकिन सरकार बस यह रिपोर्ट जुटाने लगी है कि भाजपा शासित राज्यों में कितनी मृत्यु हुई है.

बिहार में बीते 6 साल से लागू है शराबबंदी

गौरतलब है कि बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है. इसके बावजूद सूबे में जहरीली शराब का कहर नहीं थम रहा है. 6 साल में अब तक 202 लोगों की जहीरीली शराब पीने की वजह से मौत हो चुकी है. बिहार में जहीरीली शराब पीने की वजह से सबसे ज्यादा 2021 में 90 मौतें हुई थी. राज्य में 2020 में, 2019 में 9, 2018 में 9, 2017 में 8 और 2016 में 13 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 2022 में अब तक 67 लोग जहरीली शराब पीने की वजह से मारे गए हैं. अधिकांश मौतें गोपालगंज, छपरा, बेतिया और मुजफ्फरपुर जिले में हुई है.

Next Article

Exit mobile version