Teacher Transfer: जल्दी चाहते हैं ट्रांसफर तो इन जिलों का करें चयन, यहां देखें लिस्ट
Teacher Transfer: शिक्षा विभाग ने टीचर ट्रांसफर के लिए 14 जिलों का विकल्प देने की सलाह दी है. नए और पुराने शिक्षक ई-शिक्षा कोष एप्प पर आवेदन कर सकते हैं. चयनित जिलों में रिक्तियों और अनुपात के आधार पर द्वितीय चरण में आवेदनों पर विचार किया जाएगा. इससे स्थानांतरण प्रक्रिया और तेज होगी. पढे़ं पूरी खबर…
Teacher Transfer: बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. अब वे शिक्षक जो स्थानांतरण चाहते हैं, उन्हें उन 14 जिलों का विकल्प देने को कहा गया है, जहां छात्र-शिक्षक अनुपात औसत से काफी ज्यादा है. इन जिलों में शिक्षक की आवश्यकता अधिक है और रिक्तियां भी उपलब्ध हैं.
शिक्षा विभाग द्वारा जिन जिलों को प्राथमिकता में रखा गया है, वे हैं – सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, अररिया, कटिहार, खगड़िया, सुपौल, बांका, जमुई, किशनगंज, लखीसराय, भागलपुर और मधुबनी. विभाग का कहना है कि यदि शिक्षक इन जिलों में ट्रांसफर का ऑप्शन देते हैं तो उनके आवेदन पर तत्काल विचार किया जाएगा.
आवेदन में बदलाव की सुविधा
जिन शिक्षकों के स्थानांतरण आवेदन पर अभी तक निर्णय नहीं हुआ है, उन्हें ई-शिक्षा कोष एप्प के माध्यम से नया विकल्प भरने का मौका दिया गया है. शिक्षक चाहें तो पुराने आवेदन को डिलीट कर नए विकल्प के साथ आवेदन कर सकते हैं. वहीं, जो शिक्षक पूर्व में दिए गए कारण को बदलना चाहते हैं, वे भी नया आवेदन दे सकते हैं. नए शिक्षकों को भी स्थानांतरण का आवेदन देने की अनुमति दी गई है.
द्वितीय चरण में आवेदन पर विचार
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि द्वितीय चरण में स्थानांतरण के सभी आवेदनों पर विचार किया जाएगा, बशर्ते कि चयनित जिलों में रिक्ति उपलब्ध हो और छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित करने की जरूरत हो. जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) के स्तर पर पंचायत वाइज भरे गए विकल्पों और रिक्तियों के अनुसार विद्यालयों का आवंटन किया जाएगा.
1.3 लाख से अधिक आवेदनों पर हो चुकी है कार्रवाई
विभाग ने जानकारी दी कि विशेष कारणों के आधार पर अब तक कुल 1,90,226 शिक्षक ट्रांसफर के आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से करीब 1,30,000 आवेदनों पर विचार करते हुए संबंधित जिलों का आवंटन किया जा चुका है. यह प्रक्रिया आगामी चरणों में भी जारी रहेगी, ताकि राज्य भर में शिक्षा व्यवस्था को संतुलित किया जा सके.
