सुशील मोदी की स्मृति में पटना में इस जगह पर बना पार्क, हर साल 13 मई को राजकीय समारोह की घोषणा

Sushil Modi Death Anniversary: पटना में मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजेंद्र नगर स्थित एक पार्क का उद्घाटन कर उसे "सुशील मोदी पार्क" नाम दिया और उनके योगदान को याद करते हुए राजकीय सम्मान की घोषणा की.

By Abhinandan Pandey | May 14, 2025 9:01 AM

Sushil Modi Death Anniversary: पटना में मंगलवार को बिहार के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की पुण्यतिथि पर एक विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. भागलपुर और छपरा के दौरे से लौटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शाम 4.30 बजे इस कार्यक्रम में शिरकत की.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजेंद्र नगर रोड नंबर 8 स्थित एक पार्क का उद्घाटन किया और इसे “सुशील मोदी पार्क” के नाम से समर्पित किया. पार्क में स्थापित उनकी तस्वीर पर मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, मंगल पांडेय सहित बिहार सरकार के कई मंत्री और गणमान्य लोग शामिल हुए.

सभी नेताओं ने सुशील मोदी के राजनीतिक जीवन को किया याद

नेताओं ने सुशील मोदी के राजनीतिक जीवन और जनसेवा को याद करते हुए कहा कि वे भारतीय राजनीति के एक प्रतिबद्ध, जुझारू और दूरदर्शी चेहरा थे. उनके विचार और कार्यशैली आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने का काम करेंगे.

हर साल राजकीय सम्मान के साथ मनाई जाएगी पुण्यतिथि

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि अब हर साल 13 मई को सुशील मोदी की पुण्यतिथि को राजकीय समारोह के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह बिहार के विकास में उनके योगदान को स्मरण करने का अवसर होगा.

पार्क में होगी सुशील मोदी की प्रतिमा स्थापित

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राजेंद्र नगर स्थित पार्क में सुशील मोदी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रतिमा निर्माण और स्थापना की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए ताकि जल्द से जल्द इसका अनावरण किया जा सके. यह कार्यक्रम न सिर्फ एक श्रद्धांजलि था, बल्कि बिहार की राजनीति में सुशील मोदी की अमिट छवि को जनमानस में जीवित रखने की एक सार्थक पहल भी साबित हुआ.

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