एसटीएफ और डायल-112 को मिलेगा स्थायी ठिकाना
अब राज्य की दो सबसे महत्वपूर्ण इकाइयों विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और आपातकालीन सेवा डायल 112 को स्थायी भवन और संचालन केंद्र मिलने जा रहा है.
संवाददाता, पटना अब राज्य की दो सबसे महत्वपूर्ण इकाइयों विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और आपातकालीन सेवा डायल 112 को स्थायी भवन और संचालन केंद्र मिलने जा रहा है. कई थाने भी आने वाले दिनों में अपनी जमीन पर होंगे. अपर पुलिस महानिदेशक ( एससीआरबी एवं आधुनिकीकरण ) सुधांशु कुमार द्वारा पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस कर पुलिस की विभिन्न यूनिट थाना – कार्यालयों के लिए 39 स्थानों पर जमीन चिह्नित करने की जानकारी दी. एसटीएफ को अब अपना स्थायी संचालन केंद्र मिलेगा. इसके लिए पटना के लोदीपुर इलाके में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. साथ ही, भवन निर्माण के लिए विभागीय सहमति भी मिल गयी है. एसटीएफ के इस नये केंद्र में अभियान की योजना, निगरानी, विशेष प्रशिक्षण और अत्याधुनिक संचार सुविधा की व्यवस्था की जायेगी. इससे पूरे राज्य में गंभीर अपराधों से निबटने की क्षमता में व्यापक सुधार होगा. अब तक एसटीएफ अलग-अलग अस्थायी भवनों से संचालित होती रही है. पुलिस महकमा अब अपने सभी कार्यों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संचालित करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. इसके लिए आइजी (आधुनिकीकरण) पी कनन की अध्यक्षता में बनी एक विशेष कमेटी तेलंगाना और कर्नाटक का दौरा कर लौटी है. एडीजी (आधुनिकीकरण) सुधांशु कुमार ने बताया कि इन राज्यों में पुलिस व्यवस्था पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है और बिहार में भी उसी तर्ज पर व्यवस्था लागू करने की तैयारी की जा रही है. एडीजी ने बताया कि रजिस्टर, मैन्युअल, फाइलों के आदान-प्रदान जैसे कार्य अब ऑनलाइन माध्यम से किये जायेंगे. इससे दस्तावेजों और साक्ष्यों का डिजिटल संग्रहण सुरक्षित रहेगा और छेड़छाड़ की संभावना नहीं होगी. साथ ही, नयी भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के लागू होने के बाद डिजिटल साक्ष्यों का महत्व बढ़ गया है. केंद्र प्रायोजित ‘एएसयूएमपी’ योजना के तहत वामपंथ उग्रवाद प्रभावित जिलों के लिए 24 हल्के वाहन खरीदे जायेंगे. रेल पुलिस के लिए एक हजार बॉडी वॉर्न कैमरा उपलब्ध कराये जायेंगे. जिला पुलिस के लिए 42 बंदी वाहन खरीदे जाने की योजना है.
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