Sonpur Mela: आधुनिक होगा विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला, 24.28 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही बिहार सरकार

Sonpur Mela: बिहार सरकार ने सोनपुर मेले के आधुनिकीकरण के लिए 24.28 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दी है. इस योजना में डिजिटल और पर्यावरणीय सुविधाओं के साथ मेला को हाईटेक और प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा. पढे़ं पूरी खबर…

By Aniket Kumar | June 3, 2025 4:18 PM

Sonpur Mela: बिहार का विश्वविख्यात सोनपुर मेला, जो हर साल लाखों देशी-विदेशी सैलानियों को अपनी ओर खींचता है, अब एक नए और आधुनिक स्वरूप में सामने आने वाला है. राज्य सरकार ने मेले के आधुनिकीकरण और पर्यटन विकास के लिए 24.28 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दे दी है. इस पहल का उद्देश्य केवल सैलानियों को बेहतर अनुभव देना ही नहीं, बल्कि स्थानीय रोजगार, आर्थिक गतिविधियां और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देना है.

पर्यटन, रोजगार और राजस्व की नई दिशा

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना स्वदेश दर्शन स्कीम 2.0 के तहत मंजूर की गई है. इसके अंतर्गत सोनपुर मेला स्थल को एक आधुनिक, डिजिटल और पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. योजना के मुताबिक, प्रवेश द्वार, स्थायी हाट, सड़क चौड़ीकरण, घाट तक सीधा संपर्क, पार्किंग सुविधाएं और शटल सेवा जैसी महत्वपूर्ण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा.

हरित और डिजिटल पहल से होगा मेला स्मार्ट

इस मेला क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में भी विशेष प्रयास किए जाएंगे. अपशिष्ट प्रबंधन, सौर ऊर्जा का उपयोग, और पर्यावरण जागरूकता अभियान जैसी पहलें इस योजना में शामिल हैं. डिजिटल विकास के अंतर्गत मेला मोबाइल ऐप, कैशलेस भुगतान प्रणाली, वर्चुअल दर्शन, और स्मार्ट पार्किंग जैसी सेवाओं को भी लागू किया जाएगा, जिससे सैलानियों को एक सुगम और उन्नत अनुभव मिल सके.

स्थानीय विकास और वैश्विक पहचान की ओर कदम

उपमुख्यमंत्री के अनुसार, सोनपुर मेले का यह नया स्वरूप स्थानीय व्यवसायों को भी प्रोत्साहित करेगा और ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा. इससे न केवल सैलानियों को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि सरकार को राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी.

5 नवंबर 2025 से शुरू होगा मेला

इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन, यानी 5 नवंबर 2025, से सोनपुर मेले की शुरुआत होगी, जो पूरे एक महीने तक चलेगा. गंगा और गंडक के संगम पर लगने वाला यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है. यह मेला विशेष रूप से हाथी, घोड़े, गाय-बैल और अन्य पशुओं की खरीद-बिक्री के लिए प्रसिद्ध है.

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