बिहार के सात जिले कालाजार से मुक्त

राज्य कालाजार उन्मूलन की दिशा में बड़ी सफलता की ओर बढ़ रहा है. वर्ष 2014 में जहां 8028 मरीज मिले थे,

By RAKESH RANJAN | April 21, 2025 12:37 AM

संवाददाता, पटना राज्य कालाजार उन्मूलन की दिशा में बड़ी सफलता की ओर बढ़ रहा है. वर्ष 2014 में जहां 8028 मरीज मिले थे, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर सिर्फ 283 रह गयी है. राज्य के 33 कालाजार प्रभावित जिलों में से सात अब पूरी तरह रोगमुक्त हो चुके हैं. भारत सरकार ने कालाजार समाप्त करने का लक्ष्य 2026 तय किया था, लेकिन बिहार ने यह लक्ष्य पहले ही 2022 में हासिल कर लिया. कालाजार उन्मूलन का आशय प्रति 10 हजार जनसंख्या पर एक से भी कम मरीज मिलना है. अब स्वास्थ्य विभाग का फोकस शून्य रोगी की स्थिति पर है. साल में दो बार होता है सिंथेटिक पाराथाइराइड का छिड़काव : कालाजार फैलाने वाली बालू मक्खी पर नियंत्रण के लिए हर साल दो बार मार्च से मई और अगस्त से अक्तूबर तक सिंथेटिक पाराथाइराइड का छिड़काव किया जाता है. साथ ही, साल में चार बार घर-घर जाकर रोगियों की खोज की जाती है. राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आरके 39 टेस्ट किट से जांच और मुफ्त इलाज की सुविधा है. गंभीर मरीजों के लिए पटना स्थित आरएमआरआइ, सारण और पूर्णिया में तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी सक्रिय हैं. मरीजों को मिलती आर्थिक सहायता : इलाज के बाद रोगियों को मुख्यमंत्री कालाजार रोगी सहायता योजना के तहत 6600 रुपये और केंद्र सरकार से 500 रुपये दिये जाते हैं.

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