36 हजार 800 किमी से अधिक ग्रामीण सड़कों का हो चुका कायाकल्प
राज्य में 36 हजार 894 किमी से अधिक ग्रामीण सड़कों का कायाकल्प हो चुका है. इन सड़कों की संख्या 15,169 हैं.
– 11 हजार 614 करोड़ रुपये से बदली सूबे के ग्रामीण सड़कों की तस्वीर – कुल 16,171 ग्रामीण सड़कों में 15,169 की मरम्मति का काम पूर्ण संवाददाता, पटना राज्य में 36 हजार 894 किमी से अधिक ग्रामीण सड़कों का कायाकल्प हो चुका है. इन सड़कों की संख्या 15,169 हैं. बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों की कुल 16,171 सड़कों की कुल लंबाई 40,259.355 किमी में मरम्मति और रख-रखाव का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इन सड़कों की संख्या 16 हजार 171 है. इनमें से 36 हजार 894 किमी लंबाई में कायाकल्प होने के बाद बची सड़कों को बेहतर करने का काम तेजी से हो रहा है. गांव के लोगों को यह सड़कें बाजार, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज और रोजगार तक पहुंचने का सुगम मार्ग उपलब्ध करा रही हैं. इन सड़कों के रख-रखाव और कायाकल्प के लिए बिहार सरकार 20 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि खर्च कर रही है. सबसे अधिक पूर्वी चंपारण में बदली है ग्रामीण सड़कों की सूरत अनुरक्षण यानी सड़कों की मरम्मति के मामले में राज्य का पूर्वी चंपारण जिला सबसे आगे है. यहां चयनित कुल 957 सड़कों में 909 सड़कों की मरम्मती का काम पूरा कर लिया गया है. इसकी कुल लंबाई 2,389.245 किमी है. इसके बाद दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर जिले की कुल 718 सड़कों में 664 सड़कों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है. मुजफ्फरपुर में कुल 1861.527 किमी ग्रामीण सड़कों की मरम्मती का लक्ष्य तय किया गया था. इसके विरुद्ध 1703.797 किमी सड़क की मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया है. ग्रामीण सड़कों के कायाकल्प के मामले में पश्चिम चंपारण जिला तीसरे स्थान पर है. यहां कुल 617 ग्रामीण सड़कों को चकाचक करने का लक्ष्य निर्धारित था. इसकी कुल लंबाई 2091.32 किमी है. इस लक्ष्य के विरुद्ध 598 सड़कों का कायाकल्प किया जा चुका है. इसकी कुल लंबाई 1996.312 किमी है. इसके अलावा सारण में 1,589.385 किमी, समस्तीपुर में 1,405.385 किमी, गयाजी में 1,382.063 किमी और वैशाली 1,359.22 किमी हैं.
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