बिहार में बिजली कंपनियों के टैरिफ प्रस्ताव पर आज अरवल से शुरू होगी जन सुनवाई, 21 फरवरी को पटना में जन सुनवाई

अरवल के बाद 30 जनवरी को कैमूर कलेक्ट्रियट सभा कक्ष, 10 फरवरी को पूर्णिया कलेक्ट्रियट सभा कक्ष और 17 फरवरी को पश्चिमी चंपारण के वाल्मिकीनगर स्थित जल संसाधन विभाग के सभाकक्ष में खुदरा बिजली दर आपूर्ति को लेकर जन सुनवाई कार्यक्रम होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2023 2:12 AM

वित्तीय वर्ष 2023-24 की खुदरा बिजली आपूर्ति टैरिफ तय करने को लेकर बिजली आपूर्ति कंपनियों की याचिका पर मंगलवार को अरवल जिले से जनसुनवाई की शुरुआत हो जायेगी. अरवल के कलेक्ट्रियट सभा कक्ष में होने वाली इस जन सुनवाई के दौरान बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा और सदस्य एससी चौरसिया की मौजूदगी में आम लोग प्रस्तावित बिजली टैरिफ पर सुझाव, मंतव्य एवं आपत्तियां प्रदान कर सकेंगे.

21 फरवरी को पटना में जन सुनवाई

आयोग के मुताबिक अरवल के बाद 30 जनवरी को कैमूर कलेक्ट्रियट सभा कक्ष, 10 फरवरी को पूर्णिया कलेक्ट्रियट सभा कक्ष और 17 फरवरी को पश्चिमी चंपारण के वाल्मिकीनगर स्थित जल संसाधन विभाग के सभाकक्ष में खुदरा बिजली दर आपूर्ति को लेकर जन सुनवाई कार्यक्रम होगा. अंतिम जन सुनवाई 21 फरवरी को पटना स्थित बिहार विद्युत विनियामक आयोग के कोर्ट रूम में होगी, जिसमें साउथ और नॉर्थ बिहार दोनों बिजली आपूर्ति कंपनियों के टैरिफ पर लोगों की राय ली जायेगी.

फिक्सड चार्ज दोगुना व स्लैब कम करने का प्रस्ताव

बिजली कंपनी ने बिजली आपूर्ति के खर्च में हुई वृद्धि को आधार बनाते हुए सभी श्रेणियों को मिला कर समग्रता में 40 फीसदी तक बिजली दर वृद्धि और फिक्सड चार्ज दोगुना बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. कंपनी का तर्क है कि पिछले चार वर्षों में से दो साल आयोग ने शून्य, तो दो वर्ष मामूली बिजली दर वृद्धि की है, जबकि कंपनी का वास्तविक खर्च बहुत अधिक बढ़ गया है. इसके साथ ही बिजली कंपनी ने घरेलू व गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अब तीन की जगह मात्र दो टैरिफ स्लैब का प्रस्ताव रखा है.

एक फीसदी अतिरिक्त छूट देने का प्रस्ताव

ग्रामीण क्षेत्रों में पहला स्लैब 0-50 यूनिट और दूसरा स्लैब 51 से ऊपर यूनिट का , जबकि शहरी क्षेत्रों में पहला स्लैब 0-100 और दूसरा स्लैब 100 यूनिट से ऊपर का रखा गया है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के वैसे उपभोक्ता जो नियमित रूप से भुगतान करते हैं, उनको प्रोत्साहित करने के लिए एक फीसदी अतिरिक्त छूट देने का प्रस्ताव है. तीन माह लगातार भुगतान करने पर उनको इस छूट का लाभ मिलेगा.

पेनाल्टी में तीन महीने की छूट देने का प्रस्ताव

हाइ वोल्टेज (एचटी) श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए मिलने वाली पांच फीसदी छूट को बढ़ा कर 15 फीसदी करने का प्रस्ताव है. इसी तरह, एचटी श्रेणी में सैंक्शन लोड के मुकाबले न्यूनतम डिमांड की सीमा बढ़ाने की बात कही गयी है. बिजली कंपनी ने लोड से अधिक इस्तेमाल करने पर लगने वाली पेनाल्टी में तीन महीने की छूट देने का भी प्रस्ताव दिया है.

Next Article

Exit mobile version