स्थापना दिवस कार्यक्रम आज : नेपाल, बिहार और ओड़िशा इन तीनों क्षेत्रों का अकेला विश्वविद्यालय था पीयू
कभी ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) एक अक्तूबर 2025 को 109 वर्ष का हो गया.
एक अक्तूबर 1917 को यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के तर्ज पर हुई थी पटना विश्वविद्यालय की स्थापना
संवाददाता, पटनाकभी ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) एक अक्तूबर 2025 को 109 वर्ष का हो गया. गंगा तट पर इसकी स्थापना एक अक्तूबर 1917 को हुई थी. इसके पहले कुलपति जेजी जेनिंग्स हुए. पीयू भारत के सात पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है. हाल के वर्षों में पीयू की स्थिति कई कारणों से बिगड़ती चली गयी. वर्ष 1917 में यह नेपाल, बिहार और ओड़िशा इन तीनों क्षेत्रों का अकेला विश्वविद्यालय था. उस समय इस क्षेत्र की मैट्रिक की परीक्षाओं का संचालन भी यहीं से हुआ करता था. वर्ष 1952 में पीयू का एक अलग स्वरूप उभर कर सामने आया. पटना शहर के पुराने 10 कॉलेजों और पोस्ट ग्रेजुएट (स्नातकोत्तर) विभागों को एक साथ एक परिसर में लाया गया. अंग्रेजों के शासनकाल में बने शानदार भवनों वाला यह शैक्षणिक कैंपस गंगा नदी के तट पर स्थित है.
——पीयू के अधीन कॉलेज
पटना सायंस कॉलेज, पटना कॉलेज, बीएन कॉलेज, पटना लॉ कॉलेज, वाणिज्य महाविद्यालय, मगध महिला कॉलेज, पटना वीमेंस कॉलेज, पटना ट्रेनिंग कॉलेज, पटना वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज, कला एवं शिल्प महाविद्यालय संबद्ध हैं. इसके अलावा ‘दरभंगा हाउस’ भी विश्वविद्यालय के अधीन है. यहां कई विभागों के स्नातकोत्तर कोर्स संचालित हो रहे हैं.——
पटना यूनिवर्सिटी का 25 वां स्थापना दिवस यानी सिल्वर जुबली 1942 के बजाय 1944 में मनायी गयी. भारत छोड़ो आंदोलन के कारण यह कार्यक्रम 1944 में आयोजित हुआ. जो कई दिनों तक चला. इस मौके पर तेज बहादुर शत्रु, राधाकृष्णन, ओमकार नाथ ठाकुर, फियाज खान, पटवर्धन और पुलष्कर जैसे कई दिग्गज सिल्वर जुबली में शामिल हुए.——
50वें स्थापना दिवस पर शामिल हुए थे राष्ट्रपति
पीयू के 50वें स्थापना दिवस समारोह में देश के राष्ट्रपति वीवी गिरी आये थे. विश्वविद्यालय ने 21 जुलाई 1970 को अपना 50वां स्थापना दिवस मनाया था. इसी कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री वीके आरवी राव आये थे. यह कार्यक्रम भी 1967 में होना था, लेकिन सुखाड़ के कारण यह कार्यक्रम विलंब से आयोजित हुआ. उस समय दारोगा प्रसाद राय मुख्यमंत्री थे और कुलपति के प्रभार में प्रो केके दत्ता थे.
—–2007 से लगातार मन रहा स्थापना दिवस
पीयू ने जब 75 वर्ष पूरे किये, तो उस वक्त कोई खास कार्यक्रम नहीं हुआ था. वर्ष 2007 से विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस मनाया जाना लगा.—–
14 अक्तूबर 2017 इतिहास में हैं दर्ज
पटना विश्वविद्यालय के लिए 14 अक्तूबर 2017 इतिहास में दर्ज हो गया है. विश्वविद्यालय के लिए यह पहला मौका था, जब शताब्दी दिवस पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आकर कार्यक्रम को संबोधित किये थे. अब तक कोई भी प्रधानमंत्री पीयू नहीं आये थे. उस समय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रास बिहार प्रसाद सिंह थे.
——-कई हस्तियों ने बढ़ाया है मान
पीयू का अपना इतिहास रहा है. यहां से अनेक लोग पढ़ कर निकले और कई बड़े-बड़े पोस्ट पर काबिज हैं. संस्कृति विभाग के प्रख्यात शिक्षक प्रो अल्तेकर, इतिहासकार प्रो रामशरण शर्मा, प्रो सय्यद हसन अस्करी, प्रो केके दत्त, राजनीति शास्त्र के विद्वान प्रो मेनन, प्रो फिलिप्स और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बाथेजा जैसे विद्वान शिक्षक के रूप में सेवा दे चुके हैं.——
1931 में हुआ था ‘इंडियन साइंस कांग्रेस ’वर्ष 1931 में ‘इंडियन साइंस कांग्रेस’ सायंस कॉलेज में आयोजित हुआ था. इसमें नोबेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक सीवी रमण समेत कई बड़े-बड़े वैज्ञानिक शामिल हुए थे. पंडित राहुल सांकृत्यायन और सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे विद्वान यहां व्याख्यान दे चुके हैं.
——-ये पटना विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं
बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री व पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद, सुशील कुमार मोदी, नौकरशाह राजीव गौवा, बिहार के चीफ सेक्रेटरी रहे अंजनी कुमार सिंह, पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे, पूर्व आइपीएस किशोर कुणाल ऐसे जैसे हस्ती यहां छात्र रह चुके हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
