कोरोना वैक्सीन, ऑक्सीजन आपूर्ति समेत अन्य कार्ययोजना की जानकारी सोमवार को उपलब्ध कराये केंद्र और राज्य सरकार : हाई कोर्ट

Patna High Court, Corona vaccine, Oxygen supply : पटना : हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से सोमवार को कोर्ट में यह बताने को कहा है कि महाराष्ट्र और दिल्ली की तरह सूबे में 18 वर्ष से 45 वर्ष के बीच के लोगों को कोरोना का वैक्सीन कब से लगना शुरू होगा. इसकी पूरी जानकारी सोमवार को उपलब्ध कराएं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2021 9:08 PM

पटना : हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से सोमवार को कोर्ट में यह बताने को कहा है कि महाराष्ट्र और दिल्ली की तरह सूबे में 18 वर्ष से 45 वर्ष के बीच के लोगों को कोरोना का वैक्सीन कब से लगना शुरू होगा. इसकी पूरी जानकारी सोमवार को उपलब्ध कराएं. राज्य के सभी कोविड अस्पतालों को निर्बाध ऑक्सीजेंन आपूर्ति के अलावा घर मे इलाजरत कोविड मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर सुलभ कराने में सरकार की क्या कार्य योजना है. राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कैसे की जा रहीं है. ऑक्सीजन का रख-रखाव और उसका ट्रांसपोर्ट कैसे किया जा रहा है, राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ-साथ कोरोना के इलाज के लिए जरूरी दवा और जरूरत के अनुसार सभी संसाधन उपलब्ध है या नहीं, इसकी पूरी जानकारी सोमवार को कोर्ट को दी जाये.

कोर्ट ने सरकार से पूछा कि उसे समाचार माध्यमों से जो जानकारी उपलब्ध हो पा रही है, उससे यह पता चल रहा है कि आनेवाले दिनों में कोरोना और खतरनाक रूप लेनेवाला है. इससे निबटने के लिए सरकार के क्या योजना बना रखी है, उसकी भी जानकारी उपलब्ध करायी जाये. कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार की यह जिमेवारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि वह अपने राज्य या देश के जनता की रक्षा कैसे करेगी.

सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव की तरफ से हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया कि सूबे में जिस रफ्तार से कोविड मरीजों की तादाद बढ़ रही है, उसके मुताबिक राज्य को प्रतिदिन 300 एमटी ऑक्सीजेंन की जरूरत है. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र से निर्धारित कोटा का तो सौ फीसदी रोजाना उठाव सरकार नहीं कर पा रही है. 300 एमटी तक ऑक्सीजन कि आपूर्ति लेने से पहले ज्यादा जरूरी है पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन टैंकर सुनिश्चित करना.

इस पर केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जेनेरल केएन सिंह ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार, राज्य को सात ऑक्सीजन टैंकर जल्द उपलब्ध करा रही है. इनमें से दो टैंकर अगले 48 घंटे में पहुंच जायेंगे. सात टैंकर मिलने के बाद राज्य सरकार, रोजाना 300 एमटी ऑक्सीजेंन का उठाव कर सकेगी.

सुनवाई के दौरान पटना एम्स के वकील विनय पांडे ने कोर्ट से कहा कि कालाबाजारियों से जब्त हुए ऑक्सीजन सिलेंडरों को पुलिस से जल्द छुड़ा कर संबंधित जिले के सिविल सर्जन या कोविड अस्पताल के हवाले करने के संदर्भ में एक स्पष्ट आदेश जारी किया जाये. ऐसा इसलिए कि पुलिस द्वारा जब्त किये गये सामान को छुड़ाने के लिए निचले अदालतों में जाना अभी कारगर नहीं होगा. इसमें ज्यादा समय लग जायेगा. अभी वर्तमान में राज्य में ऑक्सीजन की आवश्यकता है, क्योंकि हर पल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है.

खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि जब्त हुए ऑक्सीजन सिलेंडरों को पुलिस से फौरन छुड़ाने का अगर कोई कानूनी गाइडलाइन अगर सरकार के पास है, तो उसे सोमवार तक कोर्ट में पेश करें, ताकि उस पर उचित निर्देश कोर्ट द्वारा दिया जा सके. खंडपीठ ने कहा कि सरकार को यह देखना है कि इलाज के आभाव में किसी की मृत्यु नहीं हो.

मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश शिवाजी पांडेय की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य और केंद्र सरकार से यह जानकारी मांगी है. मुख्य न्यायाधीश के अनुरोध पर न्यायाधीश शिवाजी पांडेय ने ही इस मामले की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया.

न्यायाधीश शिवाजी पांडेय का शुक्रवार को अंतिम कार्य दिवस था. वे शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गये. खंडपीठ ने सरकार को कहा कि इन सभी बातों की जानकारी कोर्ट को अगली सुनवाई पर सोमवार को उपलब्ध करायी जाये.

Next Article

Exit mobile version