गंगा ग्राम के तौर पर विकसित होंगे गंगा किनारे के गांव, गंगेय डॉल्फिन का संरक्षण जरूरी- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नमामी गंगे योजना के तहत बिहार में 7 परियोजनाओं का उदघाटन व शिलान्यास किया. पीएम नयी दिल्ली से ऑनलाइन ही इन कार्यक्रमों में शरीक हुए. उन्होंने बिहार के महापर्व छठ पूजा का जिक्र करते हुए कहा कि छठी मइया के आशीर्वाद से बिहार के शहरों और ग्रामीण इलाकों को गंदे पानी और लोगों को बीमार करने वाले जल से मुक्ति दिलाने के लिए काम करते रहेंगे.

By Prabhat Khabar | September 16, 2020 7:07 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नमामी गंगे योजना के तहत बिहार में 7 परियोजनाओं का उदघाटन व शिलान्यास किया. पीएम नयी दिल्ली से ऑनलाइन ही इन कार्यक्रमों में शरीक हुए. उन्होंने बिहार के महापर्व छठ पूजा का जिक्र करते हुए कहा कि छठी मइया के आशीर्वाद से बिहार के शहरों और ग्रामीण इलाकों को गंदे पानी और लोगों को बीमार करने वाले जल से मुक्ति दिलाने के लिए काम करते रहेंगे.

बिहार ऐतिहासिक नगरों की धरती, सरकारों की गलत नीतियों के कारण बिहार के गांव ज्यादा पिछड़ते गये

पीएम ने कहा कि बिहार ऐतिहासिक नगरों की धरती है. यहां हजारों सालों से नगरों की विरासत रही है. प्राचीन भारत में गंगा घाटी के इर्द-गिर्द आर्थिक, सांस्कृति और राजनीतिक रूप से समृद्ध नगरों का विकास हुआ, लेकिन गुलामी के लंबे कालखंड ने इसे काफी नुकसान पहुंचाया. आजादी के बाद के शुरुआती कुछ दिनों को छोड़कर बीच की सरकारों की गलत नीतियों के कारण बिहार के गांव ज्यादा पिछड़ते गये. शहर जो कभी समृद्धि के प्रतीक थे, उनका इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ती आबादी और बदलते समय के हिसाब से अपग्रेड नहीं हो पाया.प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ दशकों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और उनकी पूरी टीम समाज के सबसे कमजोर वर्ग के आत्मविश्वास को लौटाने का भरपूर प्रयास कर रही है.

गंगा किनारे के गांव विकसित होंगे गंगा ग्राम के तौर पर

पीएम ने कहा कि गंगा किनारे बसे गांव को गंगा ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है. इनमें लाखों शौचालयों के निर्माण के अलावा कचरा प्रबंधन और जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इससे ये स्थान आने वाले समय में आस्था और आध्यात्म से जुड़े पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के शहरों का गंगा से गहरा नाता है. यहां के 20 बड़े और महत्वपूर्ण शहर गंगा किनारे बसे हैं. इन शहरों के करोडों लोगों पर गंगा की स्वच्छता का सीधा प्रभाव पड़ता है. गंगा की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए छह हजार करोड़ से बिहार में 50 से ज्यादा परियोजनाएं स्वीकृत की गयी हैं. किनारे बसे शहरों से सीधे गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए अनेक एसटीपी लगाये जा रहे हैं.

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गंगेय डॉल्फिन का संरक्षण गंगा के लिए जरूरी

उन्होंने कहा कि गंगेय डॉल्फिन का संरक्षण गंगा के लिए जरूरी है. पटना से भागलपुर तक डॉल्फिन का निवास स्थान है. इससे गंगा में जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण के साथ ही पर्यटन को बल मिलेगा.

मुजफ्फरपुर के घाट होंगे विकसित

पीएम ने कहा कि पटना के तर्ज पर मुजफ्फरपुर में अखाड़ा घाट, सीढ़ी घाट और चंदवारा घाट को विकसित किया जायेगा. इससे यहां भी पर्यटन के बड़े केंद्र बनेंगे. इन प्रयासों से आने वाली छठी मईया की पूजा में विशेषकर महिलाओं को काफी सहूलियत मिलेगी. उनकी दिक्कतें कम होंगी. बिहार में काफी तेजी से काम होगा. ये काम समय पर शुरू होने के साथ पूरा भी तय समय में होंगे. इस बात की कल्पना भी डेढ़ दशक पहले नहीं की जा सकती थी. लेकिन, अब केंद्र और नीतीश कुमार के प्रयासों से यह सच हो रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार समेत गंगा के देश भर में 180 घाटों का निर्माण कराया जा रहा है. इनमें 130 का काम पूरा हो गया है. 40 से ज्यादा मोक्षधामों पर भी काम पूरा किया जा रहा है. देश में गंगा किनारे रिवर फ्रंट का काम तेजी से चल रहा है.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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