Patna Metro: पटना मेट्रो में बहाली के नाम पर ठगी, फर्जी विज्ञापन देकर लूट रहे है पैसे, पुलिस ने जारी किया अलर्ट

Patna Matro: सरकारी नौकरी का सपना, पटना मेट्रो का नाम और इंटरव्यू लेटर.युवाओं की उम्मीदों के बीच एक ऐसा जाल बिछाया गया, जो अब पुलिस तक पहुंच चुका है.

By Pratyush Prashant | December 29, 2025 8:51 AM

Patna Matro: राजधानी पटना में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए यह खबर चेतावनी की तरह है. पटना मेट्रो में बहाली के नाम पर फर्जी विज्ञापन और इंटरव्यू लेटर भेजकर ठगी का खेल चलाया जा रहा है.

निजी कंपनी के लेटर पैड पर सरकारी मुहर जैसी डिजाइन, बड़े पदों के नाम और इंटरव्यू की औपचारिक भाषा के जरिए बेरोजगार युवाओं को फंसाने की कोशिश की गई है. मामला सामने आने के बाद पुलिस और जांच एजेंसियां हरकत में आ गई हैं.

पटना मेट्रो के नाम पर फर्जीवाड़े का पूरा खेल

फर्जीवाड़े की शुरुआत एक आकर्षक विज्ञापन से हुई, जिसमें पटना मेट्रो में डेटा एंट्री कर्मी, स्टेशन पर्यवेक्षक, गार्ड, फिटर और लाइनमैन जैसे पदों पर बहाली का दावा किया गया. इसके बाद अभ्यर्थियों को इंटरव्यू लेटर भेजे गए, जिन पर ‘पटना मेट्रो’ का नाम बड़े अक्षरों में छपा था. इंटरव्यू का पता मीठापुर बाइपास स्थित एक निजी फ्लैट दिया गया, जो खुद में ही संदेह पैदा करने वाला था.

लेटर पैड से लेकर रजिस्ट्रेशन तक, हर जगह चालाकी

इंटरव्यू लेटर में सरकारी दस्तावेजों जैसी भाषा और मुहरनुमा डिजाइन का इस्तेमाल किया गया,ताकि पत्र असली लगे. इसमें यह भी लिखा गया कि संस्था ‘कंपनी मामलों के मंत्रालय’ और ‘सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय’ में रजिस्टर्ड है. जबकि सच्चाई यह है कि किसी निजी कंपनी का पंजीकरण केवल व्यापार करने की अनुमति देता है, न कि सरकारी भर्ती कराने का अधिकार.

फोन कॉल ने खोल दी पोल

जब एक अभ्यर्थी के पिता बनकर कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया गया, तो सामने से बेटे को लाइन पर लाने की मांग की गई. सामान्य सरकारी या अधिकृत भर्ती प्रक्रिया में इस तरह की बातचीत नहीं होती.

पत्रकार होने की पहचान बताकर सवाल पूछे जाने पर फोन पहले होल्ड पर डाला गया और फिर काट दिया गया. यहीं से पूरा मामला और संदिग्ध हो गया.

ट्रेनिंग फीस के नाम पर वसूली की साजिश

इस फर्जी भर्ती का असली मकसद ट्रेनिंग फीस के नाम पर मोटी रकम वसूलना बताया जा रहा है. विज्ञापन में अलग-अलग पदों के लिए 50 हजार से लेकर 71 हजार रुपये तक की अनिवार्य ट्रेनिंग फीस लिखी गई थी. ट्रैकमैन के लिए 71 हजार, गार्ड ऑफिस असिस्टेंट के लिए 60 हजार और इलेक्ट्रिशियन के लिए 56 हजार रुपये की मांग की गई थी.

पुलिस और जांच एजेंसियां हुईं सतर्क

मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय को अवगत कराया गया है. आर्थिक अपराध इकाई और निगरानी विभाग ने भी संज्ञान लिया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, पटना के एसएसपी ने एक विशेष टीम का गठन कर जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस गिरोह से कितने लोग प्रभावित हुए हैं.

पटना मेट्रो ने किया साफ इनकार

पटना मेट्रो की जनसंपर्क अधिकारी अर्चना कुमारी ने स्पष्ट किया है कि पटना मेट्रो की ओर से किसी भी प्रकार की भर्ती, विज्ञापन या इंटरव्यू की घोषणा नहीं की गई है और न ही किसी निजी एजेंसी को ऐसा कोई अधिकार दिया गया है.

पटना मेट्रो के नाम पर चल रहा यह फर्जीवाड़ा बेरोजगार युवाओं की मजबूरी और भरोसे का फायदा उठाने की कोशिश है। ऐसे में जरूरी है कि अभ्यर्थी किसी भी भर्ती विज्ञापन की आधिकारिक पुष्टि करें और निजी वेबसाइट या संदिग्ध इंटरव्यू कॉल से सावधान रहें.

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