मगध महिला कॉलेज में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू

मगध महिला कॉलेज में 5 दिसंबर से शिक्षा मंत्रालय (उच्च शिक्षा विभाग), भारत सरकार के वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग के सहयोग से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

By JUHI SMITA | December 5, 2025 6:55 PM

संवाददाता, पटना मगध महिला कॉलेज में 5 दिसंबर से शिक्षा मंत्रालय (उच्च शिक्षा विभाग), भारत सरकार के वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग के सहयोग से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आइरक्यूएसी) और हिंदी विभाग के संयुक्त सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी का उद्घाटन दीप प्रज्वलन और पटना विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुआ. उद्घाटन सत्र में पटना विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो नमिता सिंह, कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) नागेंद्र प्रसाद वर्मा, वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग के सहायक निदेशक डॉ वीके सिंह राजभवन सचिवालय बिहार सरकार के अपर सचिव सुमन कुमार (आइएएस), बिहार विधान परिषद के उपसभापति प्रोफेसर (डॉ) रामवचन राय सहित अन्य मौजूद थे. प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) नागेंद्र प्रसाद वर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए भारतीय भाषाओं में तकनीकी शब्दों के महत्व पर प्रकाश डाला. आयोग के सहायक निदेशक डॉ वीके सिंह ने शब्दावली निर्माण की व्यवस्थित प्रक्रिया बतायी और इसरो व भारतीय रेलवे जैसे क्षेत्रों में आयोग के योगदान की सराहना की. उन्होंने बताया कि शब्दावली पोर्टल shabd.education.gov.in पर उपलब्ध है. अपर सचिव सुमन कुमार ने विज्ञान में हिंदी संदर्भ पुस्तकों की कमी पर चिंता व्यक्त की, जबकि उपसभापति प्रोफेसर (डॉ) रामवचन राय ने शब्द निर्माण की संरचना पर विचार रखे. कुलपति प्रोफेसर (डॉ) नमिता सिंह ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए संवाद को प्रोत्साहित किया. हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ शिप्रा प्रभा के धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ. दिन के प्रथम तकनीकी सत्र का विषय कौशल और उद्यमशीलता में प्रयुक्त तकनीकी शब्दावली की समस्याएं और समाधान था, जिसमें प्रो अनिल कुमार (सेवानिवृत्त) और प्रो शिवनारायण ने अपनी प्रस्तुति दी. दूसरे सत्र में, डॉ संतोष पटेल और डॉ शिंगाला प्रभा ने साइबर सुरक्षा में तकनीकी शब्दावली की समस्याओं पर प्रकाश डाला.इस संगोष्ठी से संकाय सदस्यों और छात्राओं सहित लगभग 150 प्रतिभागियों को लाभ मिला. शेष दो तकनीकी सत्र और समापन सत्र 6 दिसंबर 2025 को निर्धारित हैं.

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