बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव के पहले सुप्रीम कोर्ट का नया फरमान, आरक्षण को लेकर नया पेंच सामने

बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर संशय की स्थिति बरकरार है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के एक फैसले में साफ आदेश दे दिया है कि कोई भी राज्य बिना ट्रिपल टेस्ट आरक्षण नहीं देगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2022 2:04 PM

बिहार में अब मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव सीधे जनता के वोटों से होगा. इसे लेकर सरकार ने तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली है. अब लोग इस सवाल का जवाब ढूंढते नजर आ रहे हैं कि आखिर आरक्षण को लेकर सरकार क्या फैसला लेगी. आरक्षित सीटों को लेकर अभी तक कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने अब बिहार में नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की गणित को उलझा दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट को बताया अनिवार्य

बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार के संबंध में एक आदेश दिया, जिसका असर बिहार के नगर निकाय चुनाव पर भी पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने फिर दोहराया है कि कोई भी राज्य सरकार बिना ट्रिपल टेस्ट कराये हुए ओबीसी वर्ग को स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण नहीं दे सकती.

बिहार राज्य निर्वाचन आयोग बाध्य

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने बिहार राज्य निर्वाचन आयोग को बाध्य कर दिया है. अभी तक नगरपालिका और स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट की पहल नहीं हुई थी. अदालत ने मध्य प्रदेश सरकार को आदेश दे दिया है कि वो बिना ओबीसी आरक्षण दिये स्थानीय निकाय चुनाव कराये. राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देशित किया गया है कि दो सप्ताह के अंदर अधिसूचना जारी करे.

आरक्षण कोटा के बारे में

बता दें कि राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक नहीं है. पैनल की नियुक्ति, स्थानीय निकायवार सीमा और पीछड़ेपन को मापा जाना है. गौरतलब है कि इस बार नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब इसमें अधिक पेंच लगता नजर आ रहा है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version