Mokama Munger Highway: NH-80 पर सफर करने वालों को नहीं झेलना पड़ेगा जाम, यहां बाईपास बनाने की है योजना

Mokama Munger Highway: बिहार के कई जिलों में इन दिनों सड़क, हाइवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है. इस बीच मोकामा-मुंगेर हाइवे-80 पर सफर करने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है. लखीसराय जिले में किऊल तटबंध पर बाईपास बनाने की योजना है.

By Preeti Dayal | July 15, 2025 10:47 AM

Mokama Munger Highway: बिहार में नीतीश सरकार की ओर से रोड के निर्माण से जुड़े कई प्रोजेक्ट पर काम किए जा रहे हैं. इस बीच मोकामा-मुंगेर हाइवे-80 पर सफर करने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर आ गई है. दरअसल, हाइवे पर लोगों को जाम की समस्या नहीं झेलनी पड़े, इसे लेकर बाईपास बनाने की योजना तैयार की जा रही है. जानकारी के मुताबिक, लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड में किऊल नदी के किनारे बने सुरक्षा तटबंध पर बाईपास सड़क निर्माण की योजना बनाई गई है.

जाम की समस्या से मिलेगी मुक्ति

हालांकि, इस योजना को अभी सरकार के सामने पेश करना है. यदि सरकार की ओर से मंजूरी मिलती है, उसके बाद ही इस पर काम शुरू किया जाएगा. बता दें कि, बाईपास सड़क के बनने से लोगों को जाम की समस्या से तो निजात मिलेगी ही लेकिन साथ में यात्रियों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध हो सकेगा.

प्रस्तावित मरीन ड्राइव से भी जुड़ेगा बाईपास

जानकारी के मुताबिक, लखीसराय जिले में एनएच 80 गोंदरी पुल मानुचक के पास से शुरू होकर मुंगेर जिले की सीमा तक जाने वाली यह बाईपास सड़क किऊल नदी के तटबंध पर बनाया जाएगा. यह तटबंध लखीसराय जिले की सीमा पर खत्म होता है और यहीं से मुंगेर जिले की सीमा शुरू होती है. खास बात यह है कि, मुंगेर-भागलपुर के बीच प्रस्तावित मरीन ड्राइव से भी इसे जोड़े जाने की योजना है.

बाढ़ से भी हो सकेगा बचाव

वहीं, किऊल नदी के तटबंध पर बाईपास के बनने से जिले के उत्तरी दिशा के गांव के लोगों को बाढ़ से बचाव किया जा सकेगा. कुल मिलाकर देखा जाए तो, इस योजना से लाखों लोगों को फायदा पहुंच सकता है. इधर, लखीसराय प्रशासन ने भी इस प्रस्ताव को लाभकारी समझा और तमाम तकनीकी पहलुओं पर समीक्षा की जा रही है.

तटबंध के किनारे का बदलेगा लुक

बता दें कि, किऊल नदी के तटबंध पर प्रस्तावित बाईपास के निर्माण से वहां का नजारा मरीन ड्राइव जैसा हो जाएगा. लोग यहां के नजारे का लुत्फ उठा सकेंगे. स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था के साथ-साथ साज-सजावट भी की जाएगी. लोग सुबह और शाम के वक्त घूमने-फिरने के लिए आ सकेंगे. ऐसे में तटबंध के किनारे का लुक ही बदल जाएगा.

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