Midday Meal: आधार और अपार की अनिवार्यता की वजह से घटी साढ़े आठ लाख विद्यार्थियों की संख्या

Midday Meal: बिहार के सारकारी स्कूलों में साढ़े आठ लाख बच्चे घट गए है. सिवान में तुलनात्मक रूप में बढ़े हुए बच्चों की संख्या 455 है. शेष सभी 36 जिले में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों की संख्या में कमी दर्ज की गयी है.

By Rajdev Pandey | July 6, 2025 2:14 PM

राजदेव पांडेय/ Midday Meal: पटना. पिछले शैक्षणिक सत्र की तुलना में वर्तमान शैक्षणिक सत्र में मध्याह्न भोजन योजना का लाभ उठाने वाले बच्चों की संख्या लगभग 8.53 लाख घट गयी है. बच्चों की संख्या में आयी इस कमी की मुख्य वजह नामांकन के लिए आधार और अपार कार्ड की अनिवार्यता है. शिक्षा विभाग के जानकारों का कहना है कि इन दोनों अनिवार्यताओं से वह बच्चे छंट गये हैं, जिनके सरकारी स्कूल में नामांकन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के मकसद से उनके अभिभावकों ने कराये थे.

केवल दो जिलों में बढ़ी बच्चों की संख्या

आधिकारिक जानकारी के अनुसार वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-2026 में सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ वीं तक की कक्षाओं में कुल नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 1.64 करोड़ (1,64,54,862) है. जबकि पिछले शैक्षणिक सत्र 2024-2025 में कुल नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 1.73 करोड़ (1,73,08, 297) थी. इस तरह पिछले साल की तुलना में इस साल कक्षा एक से आठ में कुल 8,53, 435 बच्चों की संख्या घटी है. अगर जिला स्तर के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो दो जिले किशनगंज और सिवान में पिछले साल की तुलना में इस शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों की संख्या घटने की बजाय बढ़ी है. पिछले शैक्षणिक सत्र की तुलना में किशनगंज में करीब 1069 अधिक बच्चे नाामंकित हुए हैं.

कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों की संख्या में कमी

सिवान में तुलनात्मक रूप में बढ़े हुए बच्चों की संख्या 455 है. शेष सभी 36 जिले में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों की संख्या में कमी दर्ज की गयी है. उल्लेखनीय है कि आधार कार्ड की भांति स्कूली बच्चों के अपार कार्ड बनाये जा रहे हैं. अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट अकादमिक रजिस्ट्री) आधार कार्ड की तरह 12 अंकों का होता है. यह एक तरह का डिजिटल आईडी कार्ड है जो बचपन से लेकर पढ़ाई खत्म होने तक एक ही रहेगा. इसमें शैक्षिक रिकॉर्न शैक्षिक उपलब्धियों और शिक्षा संबंधित अन्य सारी जानकारियां उपलब्ध रहेंगी. चूंकि इन कार्ड में दोहरापन संभव नहीं है, इसलिए एक बच्चे का पंजीयन दो जगह नहीं हो सकता है. इसलिए दोहरे नामांकन वाले बच्चे पकड़ में आ जाते हैं.

राज्य के टॉप टेन जिले जहां कक्षा एक से आठ वीं तक में बच्चों की संख्या घटी

जिला–तुलनात्मक रूप में घटे विद्यार्थियों की संख्या

  • नालंदा- 66545
  • बेगूसराय-63885
  • खगड़िया-58390
  • पूर्णिया-52145
  • सारण- 50343
  • सीतामढ़ी- 50001
  • रोहतास- 48386
  • समस्तीपुर- 44071
  • गया- 33001
  • पटना – 32829

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