Lok Sabha Elections: आज थमेगा पहले चरण का चुनाव प्रचार, बिहार में 19 को होगा 38 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला

Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार अभियान आज थम जायेगा. 19 अप्रैल को बिहार की चार सीटों पर मतदान होने हैं. यहां भाजपा और राजद के बीच सीधा मुकाबला है. सभी राजनीतिक दलों ने आज अपने अभियान में पूरी ताकत झोंक दी है.

By Ashish Jha | April 17, 2024 6:51 AM

Lok Sabha Elections: पटना. लोकसभा चुनाव के पहले चरण का चुनाव प्रचार आज थम जाएगा. बिहार की 4 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है. इसमें जमुई, नवादा, औरंगाबाद और गया शामिल है. मैदान में 38 प्रत्याशी हैं, जिसके भाग्य का फैसला होना है. आज सभी प्रत्याशियों तथा राजनीतिक दलों की ओर से आखिरी दिन का प्रचार जोरशोर से किया जना है. राजनीतिक दलों ने पहले चरण की चार सीटों पर अपनी कमर कस ली है. गठबंधन के तमाम दलों को जोड़कर एकजुटता की कोशिश हो रही है.

पहले चरण में राजद और भाजपा के बीच सीधी टक्कर

शुक्रवार 19 अप्रैल को बिहार की दो सुरक्षित लोकसभा क्षेत्रों गया, जमुई तथा दो सामान्य संसदीय क्षेत्रों नवादा तथा औरंगाबाद में मतदान होंगे. पहले चरण की चार सीटों पर कुल 38 प्रत्याशियों की साख प्रतिष्ठा पर लगी है. गया में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी तथा पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत तो औरंगाबाद में वर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह तथा राजद के अभय कुशवाहा आमने-सामने हैं. नवादा में भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर, राजद उम्मीदवार श्रवण कुशवाहा, निर्दलीय विनोद यादव तथा गुंजन कुमार समेत आठ प्रत्याशी मैदान में हैं. जमुई में लोजपा आर के अरुण भारती तथा राजद की अर्चना कुमारी ताल ठोंक रहे हैं.

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गठबंधन में बेहतर समन्वय का प्रयास

बिहार में महागठबंधन के दलों की राज्य स्तर पर समन्वय समिति (को-ऑडिनेशन कमेटी) बनी है. लगभग एक पखवारा पूर्व समिति की बैठक हुई थी, लेकिन फिर दूसरी बैठक नहीं हो सकी है. एनडीए में जहां पांच दल भाजपा, जदयू, लोजपा (आर), हम व रालोमो हैं वहीं महागठबंधन में छह दल-राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, माले तथा वीआईपी. दोनों गठबंधन आपस में बेहतर समन्वय बनाकर एक-दूसरे के वोट को ट्रांसफर कराने के प्रयासों में लगे हैं. एनडीए की बूथ स्तर पर समन्वय समिति बनी है. नेताओं, राज्य सरकार के मंत्रियों की सभाएं लगाई जा रही हैं. नेताओं द्वारा क्षेत्र में कैम्प किया जा रहा है. वहीं महागठबंधन के दलों ने भी निचले स्तर पर अपने प्रमुख नेताओं की सूची आपस में साझी की है, ताकि ग्रासरूट तक एक बेहतर तालमेल बन सके.

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