Lockdown in Bihar : बिहार में 31 मई तक बढ़ सकता है लॉकडाउन, पटना में कम नहीं हो रही लोगों की लापरवाही

पटना जिले में 31 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है. इससे संबंधित प्रस्ताव को पटना जिला प्रशासन ने सरकार के पास भेजा है. सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन ने अपने प्रस्ताव में इस बात का जिक्र किया है कि लॉकडाउन के कारण कोरोना संक्रमितों की संख्या में काफी कमी आयी है.

By Prabhat Khabar | May 13, 2021 8:10 AM

पटना. पटना जिले में 31 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है. इससे संबंधित प्रस्ताव को पटना जिला प्रशासन ने सरकार के पास भेजा है. सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन ने अपने प्रस्ताव में इस बात का जिक्र किया है कि लॉकडाउन के कारण कोरोना संक्रमितों की संख्या में काफी कमी आयी है. अगर लॉकडाउन और कुछ दिन जारी रहा, तो संक्रमण की रोकथाम करने में काफी आसानी होगी.

वहीं, अगर लॉकडाउन खत्म हुआ तो संक्रमण बढ़ सकता है. सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर सरकार गहनता से विचार कर रही है. संभावना है कि लॉकडाउन को 15 मई से बढ़ा कर 31 मई तक किया जा सकता है. बाजारों व वाहनों पर भी उसी प्रकार का प्रतिबंध रहेगा.

भीड़ कहीं पड़ जाये न भारी

कोरोना ने अब तक कई लोगों की जिंदगी लील ली है. इसके बावजूद लोग लापरवाह बनकर घूम रहे हैं. सुबह दस से 11 बजे तक लोगों के लिए मानो लॉकडाउन है ही नहीं. जहां देखो वहीं भीड़. सब्जी मंडी, स्टेशन, बस स्टैंड आदि जगहों पर लोग लापरवाह दिख रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि मंडी में लोग सब्जी खरीदने नहीं, बल्कि कोरोना खरीदने जा रहे हैं. मंडियोंं में कई लोगों के चेहरे पर मास्क नहीं था. खरीदार ही नहीं बल्कि दुकानदार भी मास्क नहीं लगाये हुए थे.

अंटा घाट पर सब्जी खरीदने के लिए सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ लग जाती है. मानों कोरोना का डर ही खत्म हो गया है. बेपरवाह होकर लोग मास्क भी नहीं पहनते हैं. इस लापरवाही के कारण लोग अपनों को मुसीबत में डाल सकते हैं या खुद कोरोना के शिकार हो सकते हैं.

पटना जक्शन पर कोरोना की जांच के दौरान लोग कोरोना की गाइडलाइन ही भूल जा रहे हैं. ऐसे में आशंका है कि इस भीड़ में किसी संक्रमित के संपर्क में आने पर अन्य लोग भी बीमार पड़ सकते हैं. वैसे लोग कैरियर का काम करते हैं. स्टेशन से संक्रमण लेकर वे अपने घर-गांव में भी इसे फैला सकते हैं.

वैसे ही मीठापुर बस अड्डा को कोरोना संक्रमण फैलाने वाला अड्डा कहें, तो कोई गलत नहीं होगा. बसों में खचाखच भीड़ से उतरने के बाद यात्री घर लौट रहे हैं. चारों तरफ गंदगी, भीड़ और लापरवाह लोग नजर आ रहे हैं. बस वालों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है कि बस पर कितने लोग सवार हैं.

Posted by Ashish Jha

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