बिहार में जमीन विवाद रोकने की नयी पहल, जमाबंदी रजिस्टर में दिखेगी बैंक के पास गिरवी जमीन

बिहार में रैयत द्वारा अगर किसी जमांबदी की जमीन को बैंक में बंधक रखकर लोन लिया गया है तो ऐसी स्थिति में लोन से संबंधित विवरण को जमाबंदी पंजी में देखा जा सकेगा.

By Prabhat Khabar | May 3, 2023 3:54 AM

पटना. किसी बैंक के पास राज्य की कोई जमीन गिरवी है या नहीं इसकी जानकारी अब जमाबंदी पंजी देखकर मिल सकेगी. इसे लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने नई सुविधा विकसित की है. इसका मकसद नये जमीन विवाद को रोकना है. राज्य के सभी बैंकों द्वारा यह सुविधा उपलब्ध कराने की सरकार से मांग की जा रही थी. इस नये कार्य से राज्य के रैयतों को बहुत फायदा होगा. यह जानकारी मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री अलोक कुमार मेहता ने अपने विभागीय कक्ष में संवाददाता सम्मेलन में दी.

जमाबंदी पंजी में देखा जा सकेगा लोन से संबंधित विवरण

मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बताया कि किसी रैयत द्वारा अगर किसी जमांबदी की जमीन को बैंक में बंधक रखकर लोन लिया गया है तो ऐसी स्थिति में लोन से संबंधित विवरण को जमाबंदी पंजी में देखा जा सकेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा पूर्व में सभी बैंकों को एलपीसी के आधार पर जमाबंदी पंजी में लोन से संबंधित विवरण दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध करायी गई थी. बैंक से दिये गये लोन से संबंधित इन्हीं विवरणी को जमाबंदी के साथ दिखाया जा रहा है. ऐसा करने से लोग बंधक रखी गई जमीन की खरीद-बिक्री से बचेंगे, जिससे भूमि विवाद में कमी आयेगी.

बसेरा के मोबाईल ऐप का शुभांरभ

वास भूमि उपलब्ध कराने हेतु कार्यक्रम अभियान बसेरा के मोबाईल ऐप का शुभांरभ राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष से एक मोबाइल ऐप लांच किया. इस मोबाइल ऐप के जरिए पूरे राज्य में वासविहीन लोगों का ब्यौरा एकत्र किया जायेगा. गृह विहीन लोगों का हल्का या पंचायत वार सर्वे करने की जिम्मेदारी राजस्व कर्मचारियों को दिया गया है. इसकी समय सीमा 30 जून 2023 निर्धारित है. इस ऐप में जिला, अंचल, मौजावार लाभार्थियों का डाटा बेस तैयार किया जाएगा. इस ऐप में लाभार्थी का नाम, उसके पति, पत्नी का नाम, उनका आधार नंबर, परिवार में प्रत्येक सदस्य का विस्तृत ब्यौरा और मोबाइल नंबर दर्ज रहेगा. इसमें लाभार्थी की कैटेगरी का भी उल्लेख रहेगा. गौरतलब है कि 24 हजार परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर दिसंबर, 2023 तक वासभूमि उपलब्ध कराने का लक्ष्य है.

Also Read: बिहार के इन जिलों में पता भी नहीं चलेगा और कट जाएगा चालान, SMS से मिलेगी जानकारी, जानिए कितना होगा जुर्माना
छह प्रकार की जमीन

प्रकृति के अनुसार भूमिहीनों में वितरित की जाने वाली जमीन छह प्रकारों में बांटी गई है. रैयती जमीन पर बसे लोगों को बीपीपीएचटी का पर्चा, गैरमजरूआ खास और आम भूमि, भूदान से प्राप्त भूमि, लैंड सीलिंग से हासिल अधिशेष भूमि वितरित की जानी है. सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं होने पर विभाग जमीन खरीद कर लोगों को 5-5 डि भूमि उपलब्ध कराएगा और उन्हें समूह में बसाने की कोशिश की जायेगी.

Next Article

Exit mobile version