नल जल योजना से जुड़ेंगी जीविका दीदी, पानी बर्बाद करने वालों और छूटे घरों की करेंगी पहचान
मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना सहित सभी जलापूर्ति योजनाओं की निगरानी में जीविका दीदी को जोड़ने का निर्णय लिया गया है.
– कम भू जल स्तर वाले इलाकों में होगा कलर कोडिंग
कम भूजल वाले क्षेत्र की होगी कोडिंग
राज्य में कम भूजल वाले क्षेत्र की कोडिंग होगी, ताकि किस क्षेत्र में कितना भू जल का स्तर है. इसकी पहचान हो सकें और उन इलाकों में विशेष अभियान चलाया जाये. कोडिंग करने को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर बैठक भी की गयी है, जिसमें पंचायती राज विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, पीएचइडी सहित अन्य विभाग शामिल हुए थे. जहां यह निर्णय लिया गया कि कम भूजल के स्तर पर क्षेत्र की पहचान कर पंचायत स्तर पर कोडिंग करें, ताकि एरिया की पहचान हो सकें और जहां भी क्रिटिकल जोन भूजल को लेकर है. उन इलाकों में तेजी से काम हो सकें.तकनीकी विशेषज्ञों की भी टीम लगेगी
पीएचइडी भूजल के स्तर को बढ़ाने को लेकर तकनीकी रूप में भी काम कर रही है. तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को भी लायेगी, ताकि भूजल के गिरते स्तर को बढ़ाने में उनकी मदद मिल सकें. इसमें भूजल पर काम करने वाले लोगों को जोड़ा जायेगा. जो वर्षों से पानी की बढ़ती कमी को लेकर शोद्य कर रहे है. वहीं, विभाग के पुराने अच्छे इंजीनियर को भी जोड़ा जायेगा और उनसे भी मदद ली जायेगी. मानसून के बाद काम शुरू होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
