International Tiger Day: वीटीआर में इस वजह से बढ़ रही बाघों की संख्या, 15 सालों में 7 गुना हुआ इजाफा
International Tiger Day: आज 20 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस है. बिहार में बाघों का कुनबा बढ़ता जा रहा है. वाल्मिकी टाइगर रिजर्व की बात करें तो, 15 सालों में बाघों की संख्या 7 गुना बढ़े हैं. वीटीआर, राजगीर जू सफारी और पटना जू को मिलाकर बाघों की संख्या 80 है.
International Tiger Day: आज 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस है. इस बीच बिहार की बात करें तो, पिछले कुछ सालों में राज्य में बाघों की संख्या बढ़ी है. बिहार में बेहतर संरक्षण और प्रबंधन के कारण बाघों का कुनबा बढ़ता जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, वीटीआर, राजगीर जू सफारी और पटना जू को मिलाकर बाघों की संख्या 80 है. इनमें से वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में अकेले बाघों की संख्या 70 है. इसके अलावा राजगीर जू सफारी में 4 जबकि, पटना के चिड़ियाघर में बाघों की संख्या 6 है.
इस वजह से बढ़ रही संख्या
वहीं, वीटीआर में बढ़ रहे बाघों की संख्या के पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि, वीटीआर में पर्याप्त भोजन और पानी मिलने की वजह से बाघों की संख्या बढ़ रही है. प्रजनन दर में तेजी से वृद्धि हो रही है. वहीं, गंडक नदी के किनारे बसे वीटीआर के जंगल को बाघों के लिए अनुकूल बनाया गया है. यहां बाघ शिकार आसानी से कर लेता है. हिरण, चीतल, सांभर, नीलगाय की संख्या अधिक होने से बाघों को पर्याप्त भोजन मिल जाता है.
पिछले कुछ सालों में बाघों का आंकड़ा
इसके अलावा वीटीआर का जंगल 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें 1700 हेक्टेयर में ग्रासलैंड को विकसित किया गया है. इससे शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. वहीं, आंकड़ों की बात करें तो, वीटीआर में 2010-11 में 8, 2013-14 में 28, 2018-19 में 32, 2022-23 में 54 और 2023-24 में 70 बाघों की संख्या पहुंच गई.
आज पटना में जागरूकता कार्यक्रम
इधर, पटना के चिड़ियाघर की बात करें तो, पटना जू में संरक्षण-प्रजनन के तहत 32 बाघों का जन्म हुआ है, जो बिहार और पटना जू के लिए बड़ी उपलब्धि है. वहीं, आज मंगलवार को पटना में बाघों के संरक्षण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम होगा.
