संविधान दिवस आज: विशेष बातचीत में भैरव लाल दास ने कहा, 74 साल बाद भी भारतीय संविधान की परिकल्पना अधूरी

Indian Constitution Day 2020 Today, Bhartiya Samvidhan Divas, Bhairav Lal Das Interview: बेशक! हर साल देश में भारतीय संविधान दिवस मनाया जाता है. लेकिन विडंबना ही नहीं कड़वी सच्चाई यह है कि 74 साल बाद भी भारतीय संविधान की जो परिकल्पना की गयी थी वह आज भी अधूरी ही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2020 8:56 AM

Indian Constitution Day 2020 Today, Bhartiya Samvidhan Divas, Bhairav Lal Das Interview: बेशक! हर साल देश में भारतीय संविधान दिवस मनाया जाता है. लेकिन विडंबना ही नहीं कड़वी सच्चाई यह है कि 74 साल बाद भी भारतीय संविधान की जो परिकल्पना की गयी थी वह आज भी अधूरी ही है.

जब तक संविधान की परिकल्पना सही तरीके से लागू नहीं होगी. तब तक उसमें उल्लेखित कानून का लाभ लोगों को नहीं मिल पायेगा. ये बातें भैरव लाल दास ने संविधान दिवस के पूर्व प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कहीं. उन्होंने कहा कि बिहार से संविधान सभा के सदस्य केटी शाह ने वर्ष 1946 में कहा था कि हर राज्य को एक समान अधिकार मिलना चाहिए , लेकिन उस वक्त संविधान सभा ने इसे खारिज कर दिया था, लेकिन विडंबना यह है कि आज तक पूरा नहीं हो पाया है.

इतना ही नहीं शाह ने कहा था कि मंत्री बनने से पहले अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक कर देना चाहिए , जिसका देर से ही अनुपालन किया गया. और अब राज्य में मंत्री बने या केंद्र में सभी उसका अनुपालन कर रहे हैं. डॉ. अंबेडकर ने केटी साह के प्रस्ताव काे खरिज करवा दिया था. और कहा था कि केवल संपत्ति सार्वजनिक कर देने से संविधान की परिकल्पना को पूरा नहीं किया जा सकता है. बल्कि लोगों को अपनी जीवन में शुचिता लानी होगी.

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दास ने बताया कि संविधान सभा के अन्य सदस्य जगत नारायण लाल ने संविधान में धर्म को परिभाषित करने पर बल दिया था, लेकिन दुखद पहलू यह है कि अभी तक धर्म काे परिभाषित नहीं किया गया है. वर्तमान समय के धर्म को परिभाषित करने की सख्त जरूरत है. जिन बिंदुओं पर संविधान सभा के सदस्यों ने ध्यान इंगित कराया था. उसे समाधान करने की जरूरत है. वहीं जगजीवन राम ने दलितों के लिए कार्य योजना तैयार करने और सरकारी सेवा तथा चुनाव में आरक्षण पर बल दिया था.

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Posted By: Sumit Kumar Verma

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