बिहार की राजनीति में कई छोटी पार्टियां, पर हसरतें बड़ी

राज्य में विधानसभा चुनाव में कई ऐसे जाने माने दल हैं जिनका बिहार की राजनीति में अभी कद छोटा है, लेकिन उनकी हसरतें बड़ी हैं

By RAKESH RANJAN | November 5, 2025 1:08 AM

संवाददाता, पटना राज्य में विधानसभा चुनाव में कई ऐसे जाने माने दल हैं जिनका बिहार की राजनीति में अभी कद छोटा है, लेकिन उनकी हसरतें बड़ी हैं. यही कारण है कि नयी पार्टी जनसुराज, बसपा सहित आम आदमी पार्टी (आप) ने विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया था. इसमें से जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार 243 में से 239 सीटों पर मैदान में हैं. वहीं बसपा के उम्मीदवार सभी 243 सीटों और आप के उम्मीदवार 83 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. बिहार की सत्ता की प्रबल दावेदान एनडीए के दो सबसे बड़े घटक दल जदयू और भाजपा 101-101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. उम्म्ीदवार के मामले में जनसुराज और बसपा इन दोनों दलों पर भारी पड़ी है. यह हाल तब है जब बड़ी पार्टियों ने भी इतनी सीटों पर अकेले उम्मीदवार उतारने की हिम्मत नहीं दिखायी. खास बात यह है कि सभी बड़ी पार्टियों ने चुनाव जीतने के लिए अपने-अपने शीर्ष स्तर के नेताओं को स्टार प्रचारक के रूप में मैदान में उतार दिया. उस अनुपात में बसपा और आप में स्टार प्रचारकों की कमी दिखी. वहीं जनसुराज के प्रत्येक उम्मीदवार की तरफ से प्रचार के लिए प्रशांत किशोर की मांग की गयी. यही कारण है कि प्रशांत किशोर बिहार के हर हिस्से में पार्टी के सर्वमान्य चेहरे के रूप में प्रचार करते नजर आये. बसपा के उम्मीदवार को पिछले चुनाव में मिली है जीत बसपा ऐसी पार्टी है जो पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थी. पिछली बार चैनपुर से उनके एक उम्मीदवार को जीत भी मिली थी, हालांकि बाद में वे बसपा छोड़ जदयू में शामिल हो गये थे. बसपा बिहार में 1990 के विधानसभा चुनाव के समय से उम्मीदवार उतारती रही है. वर्ष 2000 में बिहार के बंटवारे के बाद से भी हर विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारती है. फरवरी 2005 के चुनाव में उसके दो उम्मीदवार जीते थे.

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